मुंबई: टाटा इंस्टीट्यूट, मुंबई ने कैंसर के इलाज में एक क्रांतिकारी खोज की घोषणा की है। एक दशक के शोध के बाद, संस्थान ने एक ऐसी गोली विकसित की है जो कैंसर को दोबारा होने से रोक सकती है और उपचार के दुष्प्रभावों को 50% तक कम कर सकती है।
गोली कैसे काम करती है:
यह गोली मरने वाली कैंसर कोशिकाओं द्वारा छोड़े गए क्रोमेटिन कणों को लक्षित करती है। ये कण स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदल सकते हैं। गोली इन कणों को बेअसर करती है, जिससे कैंसर के दोबारा होने का खतरा कम होता है।
गोली के फायदे:
कैंसर को दोबारा होने से रोक सकती है
उपचार के दुष्प्रभावों को 50% तक कम कर सकती है
सस्ती, केवल 100 रुपये में उपलब्ध होगी
उपलब्धता:
टैबलेट को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद यह जून-जुलाई से बाजार में उपलब्ध होगी।
यह खोज कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी उम्मीद है। यह गोली कैंसर के इलाज में एक महत्वपूर्ण क्रांति ला सकती है।
अतिरिक्त जानकारी:
टाटा इंस्टीट्यूट ने 2014 में इस गोली पर शोध शुरू किया था।
शोध में चूहों और मनुष्यों के कैंसर कोशिकाओं का उपयोग किया गया था।
गोली का परीक्षण 100 से अधिक मरीजों पर किया गया था।
परीक्षण में गोली सुरक्षित और प्रभावी पाई गई।
संदीप उपाध्याय
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