लखनऊ : मजहब की आड़ लेकर एक धर्म विशेष को बरगलाने और अन्य धर्मों के बीच विद्वेष भड़काने की इस नापाक कोशिश का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आशंका है कि कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लेकर हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर इकट्ठा हो रही अवैध कमाई से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फन्डिंग की जा रही है। वहीं अब लखनऊ कमिश्नरेट में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
दरअसल हलाल प्रोडक्ट को लेकर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमे एक रेलवे अधिकारी और एक पैसेंजर के बीच हलाल खाने को लेकर बहस चल रही है। वीडियो में सावन के महीने में यात्री प्रोडक्ट स्वीकार कर देता है क्यूंकि कि पैकेट पर हलाल लिखा था। हालांकि रेलवे कर्मचारी ने कहा की प्रोडक्ट शाकाहारी है। …
हज़रतगंज में हुयी एफआईआर
लखनऊ में हजरतगंज कोतवाली में शैलेन्द्र वर्मा नाम के शख्स ने हलाल सर्टिफिकेशन वाली कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. ये एफआईआ अज्ञात कंपनियों के खिलाफ है जो हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचती है।… एफआईआर जमीयत उलेमा दिल्ली, हलाल इंडिया चेन्नई और हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई पर भी किया गया है।… एफआईआर में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया ही कि मजहब की आड़ में एक वर्ग विशेष में अनर्गल प्रचार-प्रसार किया जा रहा है कि ऐसे उत्पाद का प्रयोग न करें जिसे इनकी कम्पनी द्वारा हलाल प्रमाणपत्र न दिया गया हो।… इन अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 केस दर्ज कराई गई है।
क्या होता है हलाल सर्टिफिकेशन?
इस्लाम के अनुसार हलाल सर्टिफिकेशन का मतलब है, प्रोडक्ट में मरे हुए जानवर, पशु अल्कोहल का कोई हिस्सा नहीं है।इस जांच के बाद ही प्रोडक्ट को हलाल सर्टिफाइड किया जाता है।… आम तौर पर मुस्लिम देशों में हलाल प्रोडक्ट ही इस्तेमाल किये जाते हैं। …
अब एफआईआर और वायरल वीडियो के बाद मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है।