हरिद्वार : मिस्र पुर में स्थित “स्वयंभू लिंग सिद्धेश्वर महादेव शिवलिंग” का प्रकाश उत्सव संपन्न हुआ। इस विशाल आयोजन में भक्तों ने भगवान के दर्शन कर प्रसाद रूपी अन्ना भंडारा ग्रहण किया। भगवान भोलेनाथ और गुरू “हनुमान बाबा” से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दूर-दराज से आए भक्तों ने भी भगवान के प्रकाश उत्सव में भाग लिया।
गुरू “श्री हनुमान बाबा” जी ने मंदिर के महात्म्य के बारे में बताया:
33 वर्ष पूर्व स्वप्न में इस स्थान पर भगवान “श्री स्वयंभू लिंग सिद्धेश्वर महादेव” होने का संकेत प्राप्त हुआ था।
सीता अष्टमी/बागेश्वरी अष्टमी तिथि को भगवान का प्रदुर्भाव जन्म हुआ था।
भगवान भोलेनाथ के प्राकट्य तिथि के शुभ अवसर पर अखंड रामायण का पाठ आयोजित किया जाता है।
अराध्य श्री राम जी और राम भक्त हनुमान जी की पूजा और हवन के साथ “स्वयंभू लिंग सिद्धेश्वर महादेव शिवलिंग” का श्रृंगार कर भक्तों को भोजन प्रसाद का वितरण किया जाता है।
भक्तों द्वारा मांगी गई मनोकामना को “श्री स्वयंभू लिंग सिद्धेश्वर महादेव” पूर्ण करते हैं और भगवान् भक्तों का दुख का हरण करते हैं।
अनादिक काल में: जब दक्षेश्वर महादेव के यज्ञ को संपन्न कराने वाले द्विज (ब्राह्मण) इसी स्थान पर रुके थे।
शिव अपमान पर महादेव के गण “वीर भद्र” द्वारा महाराजा दक्ष के वध के पश्चात्, यज्ञ संपन्न कराने आए ब्राह्मणों द्वारा पूजित शिव लिंग भीं भूमी के नीचे चले गए थे, जो पुनः प्रकट हुए।
श्री स्वयंभू लिंग सिद्धेश्वर महादेव गर्भ गृह
संदीप उपाध्याय
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