हरिद्वार: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण पर जानलेवा हमले के बाद माहौल गरम हो गया है.
उत्तराखंड के भीम आर्मी नेता महक सिंह ने ठाकुर समाज पर विवादित ब्यान दिया है.
क्षत्रिय समाज को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर जिला न्यायालय रोशनाबाद में प्रैक्टिस करने वाली महिला अधिवक्ता तोशी चौहान ने सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
आपको बतादूं महक सिंह ने गुरुवार को कार्यकर्ताओं के साथ जिला मुख्यालय रोशनाबाद पहुंचकर सहारनपुर की घटना के विरोध में ज्ञापन दिया था। आरोप है कि उसी दौरान महक सिंह ने क्षत्रिय समाज को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रैक्टिस करने वाली महिला अधिवक्ता तोशी चौहान ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि गुरुवार को कलेक्ट्रेट में अपने 50 कार्यकर्ताओं के साथ ज्ञापन देने के दौरान महक सिंह ने क्षत्रिय समाज को लेकर आपत्तिजनक शब्द कहते हुए माहौल भड़काने का काम किया है।
महिला अधिवक्ता ने तहरीर के साथ एक वीडियो भी पुलिस को दी। जिस पर पुलिस ने महक सिंह निवासी देवलोक कॉलोनी रुड़की के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसएसपी ने कहा जिले भर में शांति व्यवस्था कायम रखने के निर्देश सभी थाना कोतवाली प्रभारी को दिए गए हैं
वहीं इस मामले को लेकर रुड़की में क्षत्रिय समाज के सैकड़ों लोग कोतवाली सिविल लाइंस पहुंच गए और प्रदर्शन किया। इस मामले में क्षत्रिय समाज की तरफ से पुलिस को तहरीर दी। साथ ही इस मामले में महक सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई और क्षत्रिय समाज के लोग धरने पर बैठ गए।
वहीं आज हरिद्वार में क्षत्रिय समाज की बैठक हुई बैठक में क्षत्रिय समाज के लोगों का कहना है कि इस इस तरह के विवादित बयान किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किए जाएगा। जबतक इस व्यक्ति को प्रशासन गिरफ्तार नहीं करता क्षत्रिय समाज चुप नहीं बैठना
वहीं वरिष्ठ समाज सेवी त्यागी समाज के बिट्टू त्यागी जी और संविधान के अन्तर्गत काम करने वाली संस्था मानव अधिकार के ज़िला अध्यक्ष सतीश जी व ज़िला महासचिव सी पी सिंह चौहान का कहना है कि इस तरीक़े का बयान समाज का महौल खराब करता है और बयान देने वाली संस्था और व्यक्ति विशेष के ख़िलाफ़ प्रशासनिक कार्यवाही होनी चाहिए, क्योंकि सत्ता लोलूप राजनीतिज्ञ ना संविधान मान रहे हैं ना ही कानून मान रहे, अपराध की सजा का हक कानून को है किसी जाति धर्म संप्रदाय से अपराध को नहीं जोड़ना चाहिए जिस तरह से आजकल भीम आर्मी के लोग जाति विशेष का नाम लेकर गाली दे रहे हैं ये उनकी मानसिकता दिखाता हे । ये लोग आजकल भड़काऊ भाईजान के नाम से भी पुकारे जाते हैं । चंद्रशेखर रावण के मामले में ऐसा ना देखकर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति समझ में आ रही है जब तक किसी भी मामले की निष्पक्ष जांच ना हो जाए तब तक किसी भी दल के कार्यकर्ता को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और शासन प्रशासन को अपना कार्य निष्पक्ष तरीके से करने देना चाहिए अन्यथा जातिगत भावनाओं को भड़का कर के देश को गृह युद्ध में झोंकने की कोशिश में यह फुटपाथ राजनीतिक कामयाब हो जाएंगे ऐसे मामलों में सभी को संयम और न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए।