हरियाणा सरकार ने दी छप्पर फाड़ नौकरियां

24 Oct, 2023
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चंडीगढ़। विपक्ष के तमाम आरोपों को धता बताते हुए हरियाणा सरकार ने रोजगार संबंधी जो रिपोर्ट दी है, उससे विपक्ष चारों खाने चित्त हो गया है। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार के 9 साल के कार्यकाल के दौरान सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। अक्टूबर 2014 में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में बनी थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद मनोहर लाल ने हरियाणा में दी जाने वाली नौकरियों में पहले हो रहे भ्रष्टाचार पर काफी चिंता जाहिर की।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह देखा कि पर्ची-खर्ची की सोच के कारण हरियाणा के पात्र युवाओं को उनकी काबिलियत के हिसाब से रोजगार नहीं मिलता। गरीब परिवारों के बच्चों के लिए तो नौकरियों के अवसर नहीं के बराबर ही रह गए थे। युवा ऐसा सोचने लगे थे कि सरकारी नौकरियां उनके लिए हैं ही नहीं क्योंकि बिना किसी सिफारिश या पैसेे के नौकरियां नहीं मिल रही थीं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस व्यवस्था को समाप्त करके पर्ची खर्ची का खेल खत्म कर दिया।

लगभग 40 साल से भी अधिक की लंबी प्रतीक्षा के बाद जब गरीब परिवारों के बच्चों को बिना सिफारिश व बिना पैसे खर्च किए सरकारी नौकरियां मिलने लगीं तो उनके चेहरों पर चमक लौटी। उनका व्यवस्था में भरोसा बढ़ा। अपनी सरकार के नौ साल की अवधि के दौरान 2014 से 2023 के बीच 1 लाख 14 हजार 210 सरकारी नौकरियां दी जबकि 41 हजार 217 सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया चल रही है। आंकड़ों के मुताबिक साल 1999 से 2023 के दौरान ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में 15 हजार 125 भर्तियां हुईं। वर्ष 2004 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार बनी। अपने दस साल की टू टर्म में हुड्डा ने 86 हजार 67 सरकारी नौकरियां दी।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार इसी 26 अक्टूबर को अपने नौ साल पूरे कर रही है। इन नौ साल के कार्यकाल के दौरान प्रदेश सरकार ने अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। इसमें यह स्पष्ट हुआ है कि मौजूदा सरकार ने 9 साल के कार्यकाल में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ सरकारी नौकरियां दी हैं जिससे विपक्ष मुद्दाविहीन हो गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दावा है कि अब पूरी व्यवस्था ही इस तरह से पारदर्शी और जिम्मेदार बनाई गई है कि प्रतिभाशाली युवाओं को शिक्षा से लेकर रोजगार तक लक्ष्य केंद्रित मेहनत के अलहदा कुछ करने की आवश्यकता नहीं है। भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए ही सरकार ने ग्रुप सी व ग्रुप डी की भर्तियों में साक्षात्कार प्रक्रिया समाप्त की। बेरोजगार युवाओं को नौकरियों के लिए बार-बार आवदन करने की जरूरत नहीं। इसी तरह से बार-बार पात्रता परीक्षा से निजात दिलाने के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का भी सरकार ने प्रावधान किया है।

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