चंडीगढ़, 31 जुलाई: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मृत पालतू पशुओं के दफनाने की सुविधा स्थापित करने की मांग वाली जनहित याचिका पर यूटी प्रशासन, नगर निगम, पंचकूला और मोहाली के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने ट्राइसिटी में ऐसी सुविधाओं के अभाव के बारे में जानकारी मिलने के बाद यह नोटिस जारी किया।
अधिवक्ता श्रुति शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में बताया गया कि ट्राइसिटी में मृत पशुओं के निपटान या दफनाने के लिए कोई निर्दिष्ट स्थान नहीं है। इसके अलावा, ऐसी सेवाओं के लिए कोई वैन उपलब्ध नहीं है और न ही कोई निर्धारित दरें हैं। यह चंडीगढ़ पंजीकरण पालतू कुत्तों के उपनियम-2010 के विपरीत है, जो नगर निगम को अनुरोध पर वैन और दफनाने की जगह उपलब्ध कराने का आदेश देता है।
याचिका में पशु जन्म नियंत्रण नियमों का भी हवाला दिया गया है, जिसके तहत स्थानीय अधिकारियों को जानवरों के शवों के निपटान के लिए भस्मक लगाने या जहां भस्मक संभव नहीं हैं, वहां गहरे दफनाने के तरीकों का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। शर्मा की याचिका में तर्क दिया गया कि उचित निपटान पद्धतियां महत्वपूर्ण हैं और पशुओं को भी मनुष्यों के समान अधिकार प्राप्त हैं, जिसमें सम्मानजनक जीवन का अंत भी शामिल है।
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