बाहरी उत्तरी दिल्ली के औचंदी बॉर्डर पर पिछले एक साल से धरने पर बैठे हरियाणा के किसान आज राजघाट तक पैदल मार्च करने वाले थे। यह धरना किसानों के खेतों का मुआवजा लेने के लिए हो रहा है, क्योंकि हरियाणा में दिल्ली से होते हुए राजस्थान के चूरू तक एचटी लाइन बिछाई जा रही है। किसानों का कहना है कि उनके खेतों में एचटी के खंबे गाड़े जा रहे हैं, जिससे उनकी जमीन की कीमत खत्म हो जाएगी और फसल उगाने में भी दिक्कत होगी। साथ ही, जानमाल का भी खतरा बना रहेगा।
किसानों की मांगें
किसानों ने अलीपुर डीएम को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने 13 नवंबर को औचंदी बॉर्डर से राजघाट तक पैदल मार्च करने की घोषणा की थी। इससे पहले भी कई बार किसानों का वार्तालाप हो चुका है, लेकिन कोई हल नहीं निकला। किसानों का कहना है कि 1000 की संख्या में वे राजघाट पहुंचेंगे और सरकार से अपनी मांगें रखेंगे।
पुलिस की तैनाती
आज सुबह से ही औचंदी बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, क्योंकि रात से ही हरियाणा के अन्य गांवों के किसान वहां पहुंचना शुरू हो गए थे। पुलिस ने किसानों को औचंदी बॉर्डर पर ही नजरबंद कर दिया है। दिल्ली पुलिस के कुछ आला अधिकारी किसानों से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
आंदोलन की स्थिति
अब देखने वाली बात होगी कि किसान कब तक दिल्ली के राजघाट पर पहुंच पाएंगे या फिर यह आंदोलन औचंदी बॉर्डर पर ही चलता रहेगा।
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रिपोर्टर प्रदीप सिंह उज्जैन