नई दिल्ली: 12 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित शिवलिंग की कार्बन टेडिंग सर्वे का आदेश जारी किया था और आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच के आदेश के बाद अब एक नई मांग उठ गई है। हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी जिला न्यायालय में पूरे ज्ञानवापी परिसर की ग्राउंट पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) से सर्वे कराने के लिए आवेदन किया है।
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क्या होता है ? ग्राउंट पेनेट्रेटिंग रडार (GPR)
बता दें कि भू-मर्मज्ञ रडार एक ऐसी तकनीक है, जो जमीन की सतह को भेदने के लिए विद्युत चुम्बकीय विकिरण के स्पंदों का उपयोग करती है और मिट्टी या अन्य सामग्री में किसी भी विसंगतियों को प्रकट करने के लिए नीचे जाती है। भू-मर्मज्ञ रडार माइक्रोवेव बैंड आवृत्तियों का उपयोग करता है। आमतौर पर 10 मेगाहर्ट्ज से 1 गीगाहर्ट्ज तक।
ग्राउंट पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) कैसे करता है काम ?
ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार मशीनों को अक्सर पोर्टेबल होने के लिए डिजाइन किया जाता है। जिसमें पारंपरिक लैपटॉप या अन्य इंटरफेस तकनीकों और अंतर्निहित मेमोरी सिस्टम के कनेक्शन होते हैं। वे आमतौर पर बैटरी से चलते हैं। ये मशीनें एक ऐसे क्षेत्र में स्पंदन करती हैं। जिसे सामूहिक रूप से “स्कैन” कहा जाता है। एंटीना जमीन में एक संकेत भेजता है और सतह के नीचे क्या है ? इसके आधार पर संकेत देता है। भू-मर्मज्ञ रडार का उपयोग भूगर्भीय रूपरेखा जैसी चीजों के लिए और भूमिगत क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के स्थान का निर्धारण करने के लिए किया जाता है।
मामले में 22 मई को होगी सुनवाई
मिली जानकारी के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर ने बताया कि हमने अर्जी दी थी कि कथित मस्जिद के पूरे परिसर का कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार से सर्वे किया जाए। इस अर्जी पर आज जिला न्यायालय, वाराणसी ने अंजुमन इंतेजामिया और यूपी सरकार को 19 मई तक कोर्ट में अपनी आपत्ति दर्ज कराने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई अब 22 मई को होगी।
शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की याचिका को कोर्ट ने किया था खारिज
बता दें कि पांच हिंदू महिलाओं की ओर से वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित फुव्वारे (मुस्लिम पक्ष के अनुसार) को शिवलिंग (हिंदू पक्ष के अनुसार) होने का दावा किया था। साथ ही कहा था कि मस्जिद परिसर में स्थित मां श्रृंगारगौरी मंदिर के दर्शन और पूजन की अनुमति दी जाए। इसी क्रम में हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी न्यायालय में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के लिए आवेदन किया था, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था।
याचिका खारिज होने पर हिंदू पक्ष ने खटकाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
इसके बाद हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया। 12 मई को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने सर्वे के लिए वाराणसी जिला कोर्ट को आदेश दिया। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) की ओर से पेश की गई रिपोर्ट के बाद बाद ये फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ढांचे (कथित शिवलिंग) को नुकसान पहुंचाए बिना ये सर्वे किया जाए।