10 सालों में आम आदमी पार्टी कैसे बनी राष्ट्रीय पार्टी, जानिए आप का इतिहास…..

09 Dec, 2022
Deepa Rawat
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फरवरी 2020 में दिल्ली में जब विधानसभा चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने फिर चमत्कार कर दिया। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। 2015 के मुकाबले सीटें थोड़ी कम जरूर हुई थी, लेकिन तब भी ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। 

नई दिल्ली: गुरुवार को नतीजों के बाद गुजरात में भी पार्टी को क्षेत्रीय दल का दर्जा मिल गया है। इससे पहले गुजरात के नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी को दिल्ली, पंजाब और गोवा में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला था। चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिलने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन गई है।

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आम आदमी पार्टी बनने का इतिहास

File Photo

आम आदमी पार्टी सामाजिक कार्यकर्ता एवं दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री अरविंद केजरावाल और अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन से जुड़े बहुत से सहयोगियों द्वारा गठित एक भारतीय राजनीतिक दल है।

कब और कैसे बनी आम आदमी पार्टी ?

आम आदमी पार्टी के गठन की आधिकारिक घोषणा 26 नवम्बर 2012 को भारतीय संविधान अधिनियम की 63वीं वर्षगाँठ के अवसर पर जंतर मंतर, दिल्ली में हुई थी। सन् 2011 में इंडिया अगेंस्ट करपशन नामक संगठन ने अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए जन लोकपाल आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा जनहित की उपेक्षा के खिलाफ आवाजज उठाई। अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी जनलोकपाल आंदोलन को राजनीति से अलग रखना चाहते थे, जबकि अरविन्द केजरीवाल और उनके सहयोगियों की यह राय थी कि पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा जाये। इसी उद्देश्य के तहत पार्टी पहली बार 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में ‘झाडू’ चुनाव चिन्ह के साथ चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटों पर जीत दर्ज की और अपना विधायक दल का नेता अरविंद केजरीवाल को चुना जो 28 दिसंबर, 2013 को दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बने।

2013 का दिल्ली विधानसभा का चुनाव

Arvind Kejriwal

2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा। जहां उनकी सीधी टक्कर लगातार 15 साल से दिल्ली की मुख्यमंत्री शीली दीक्षित से थी। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 22 हजार मतों से हराया। नौकरशाह से सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता से राजनीतिज्ञ बने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार प्रवेश किया। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में 28 सीटें जीतकर प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी सिर्फ 10 सीटें लेकर तीसरे स्थान पर खिसक गयी।

2015 का दिल्ली विधानसभा का चुनाव

दिल्ली विधान सभा चुनाव 2015, 7 फरवरी ,2015 को आयोजित हुए और परिणाम 10 फरवरी 2015 को घोषित किया गया। यह चुनाव दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर लड़ा गया। अरविंद केजरीवाल  के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी ने 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटें जीत कर भारी बहुमत हासिल किया। 14 फरवरी 2015 को वे दोबारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी केवल 3 सीट जीत पाई और भारतीट राष्ट्रीय कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला।

2020 दिल्ली विधानसभा का चुनाव

फरवरी 2020 में दिल्ली में जब विधानसभा चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने फिर चमत्कार कर दिया। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। 2015 के मुकाबले सीटें थोड़ी कम जरूर हुई थी, लेकिन तब भी ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। 

किन- किन राज्यों में है? आम आदमी पार्टी

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आम आदमी पार्टी की दिल्ली और पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल तो पंजाब में भगवंत मान मुख्यमंत्री हैं।आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 62, पंजाब में 92, गुजरात में 5 और गोवा में दो विधायक हैं। यानी, देशभर में कुल 161 विधायक हैं। इसके अलावा अब दिल्ली एमसीडी में भी आम आदमी पार्टी का कब्जा है। गुजरात चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले ही दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे भी आए थे। पार्टी ने 250 में से 134 वार्डों में जीत हासिल की है। हालांकि, लोकसभा में आम आदमी पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। इसी साल मार्च में पंजाब में मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवंत मान ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, राज्यसभा में 10 सांसद हैं।

मात्र 10 साल में ही राष्ट्रीय पार्टी की श्रेणी में आ गई आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी - विकिपीडिया
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गुरुवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आए। इसमें आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत हासिल की। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी को अब राष्ट्रीय पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है। आम आदमी पार्टी महज 10 सालों में ही देश की चंद राष्ट्रीय पार्टियों में शामिल हो गई है। बता दें, गुजरात में आम आदमी पार्टी को 13 फीसदी के आसपास वोट मिले हैं। पहली बार राज्य में खाता भी खुला है और पांच सीटें जीतीं हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम चार राज्यों में स्टेट पार्टी का दर्जा मिलना चाहिए। गुजरात के नतीजों से पहले आम आदमी पार्टी को दिल्ली, पंजाब और गोवा में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला था। गुरुवार को नतीजों के बाद गुजरात में भी पार्टी को क्षेत्रीय दल का दर्जा मिल गया है।

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Edit By Deshhit News

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