राज्य का कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो तथा निर्वाचन आयोग में अपने नाम का पंजीकरण कराया हो, ऐसा व्यक्ति अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट दे सकता है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में चयनित जन-प्रतिनिधि को विधायक (MLA) कहा जाता है।
नई दिल्ली: कल ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव के नतीजे आये हैं। बीजेपी ने गुजरात में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। वहीं हिमाचल में कांग्रेस अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही। भारत वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश हैं और यहाँ की सरकार जनता द्वारा मतदान प्रक्रिया के माध्यम से चुनी जाती है। मुख्य रूप से भारत में प्रत्येक पांच वर्षों में चुनाव होता है, और सरकार का गठन बहुमत (Majority) के आधार पर होता है। भारत में अनेक राज्य है, और राज्य स्तर पर सरकार बनाने के लिए विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जाता है।
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विधानसभा का क्या मतलब होता है ?
भारतीय संविधान के मुताबिक, देश के प्रत्येक राज्य में एक विधानमंडल (Legislature) का प्रावधान किया गया है। हालाँकि देश के कुछ राज्यों में एक सदन और कुछ राज्यों में दो सदनों का प्रावधान है। वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश ,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और जम्मू -कश्मीर को मिलकर इन 7 राज्यों में विधान मंडल और विधानसभा परिषद् दोनों का प्रावधान था। जबकि शेष बचे राज्यों में सिर्फ एक ही सदन है। दो सदन वाले विधानमंडल (Legislature) का उच्च सदन विधान परिषद् (Legislative Council) और निम्न सदन विधानसभा (Legislative Assembly) कहलाता है।
विधानसभा के चुनाव के नतीजे से विधायक चुना जाता है
भारत के विभिन्न राज्यों में राज्य सरकार को गठित करने के लिए विधानसभा चुनाव संपन्न कराये जाते हैं। विधानसभा चुनाव हर पांचवें वर्ष कंडक्ट कराये जाते है। राज्य का कोई भी व्यक्ति जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो तथा निर्वाचन आयोग में अपने नाम का पंजीकरण कराया हो, ऐसा व्यक्ति अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट दे सकता है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में चयनित जन-प्रतिनिधि को विधायक (MLA) कहा जाता है।
कैसे होता है ? विधानसभा का चुनाव
राज्य के प्रत्येक क्षेत्र को विधानसभा क्षेत्र में विभाजित किया गया है और लोकसभा की भांति विधानसभा चुनाव का आयोजन निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल में किया जाता है। हालाँकि राज्यों के आकार और जनसंख्या के आधार पर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग विधानसभा सीटें हैं और इन्हीं विधानसभा सीटों से राष्ट्रीय पार्टियों (National Parties), क्षेत्रीय पार्टी (Regional Parties) और निर्दलीय पार्टियों के प्रतिनिधि चुनाव में भाग लेते है। आपको बता दें, कि उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे बड़े राज्य का दर्जा प्राप्त है, जहाँ विधानसभा सीटों की कुल संख्या 404 है।
विधायक निर्वाचन प्रणाली
- विधानसभा चुनाव के माध्यम से चयनित जन प्रतिनिधि (विधायक) का कार्यकाल अवधि 5 वर्ष होती है।
- विधानसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त न होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाता है और 6 महीने के अन्दर चुनाव प्रक्रिया पुनः समाप्त करायी जाती है।
- विधानसभा सदस्य के प्रत्याशी को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले मतदाताओं द्वारा वोट दिया जाता है।
- विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु प्रत्याशी को किसी राजनीति दल में शामिल होना जरूरी नहीं है, वह एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते है।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Public Representation Act) 1951 की धारा 34(1) (ख) के मुताबिक, विधानसभा चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी यदि सामान्य वर्ग से है, तो उन्हें 10 हजार रुपए की प्रतिभूति राशि (Security Deposit) जमा करानी होगी, यदि उम्मीदवार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से है, तो उन्हें प्रतिभूति राशि 5 हजार रुपए जमा करनी होगी।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33(7) के अनुसार, एक व्यक्ति दो से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ सकता।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के अधीन, राज्य विधान सभाओं के चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी को इलेक्शन में खर्च से सम्बंधित विवरण निर्वाचन आयोग को 30 दिनों के अंदर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होता है।
विधानसभा का कार्यकाल
भारतीय संविधान के मुताबिक, विधानसभा की कार्यकाल अवधि 5 वर्ष निर्धारित की गयी है और प्रत्येक 5 वर्ष के दौरान निर्वाचन आयोग द्वारा पुनः चुनाव संपन्न कराये जाते है। किसी प्रकार की असाधारण स्थिति में उस राज्य का राज्यपाल, राष्ट्रपति को विधानसभा भंग करने की सलाह दे सकते हैं। हालाँकि भारतीय संविधान के अनुसार, संसद द्वारा आपातकाल की स्थिति में विधानसभा के कार्यकाल को एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है, परन्तु जैसे ही आपातकाल की स्थिति समाप्त होती है, 6 माह के अन्दर उसका विघटन अनिवार्य रूप से हो जाना चाहिए।
विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए
विधानसभा इलेक्शन के माध्यम से जनता द्वारा चयनित जन-प्रतिनिधि को विधायक (MLA) कहते है। विधानसभा चुनाव लड़ने अर्थात विधायक बनने हेतु योग्यता इस प्रकार है-
- विधानसभा चुनाव लड़ने हेतु उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना आवश्यक है।
- उम्मीदवार का नाम राज्य के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए।
- विधायक बनने हेतु उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष होना आवश्यक है अर्थात् वह 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है।
- प्रत्याशी के विरुद्ध किसी प्रकार का कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार को राज्य या केंद्र सरकार के किसी लाभदायक पद पर नहीं होना चाहिए।
गुजरात विधानसभा में कितनी सीटें हैं?
गौरतलब हे कि 8 दिसंबर को बीजेपी ने गुजरात में ऐतिहासिक जीत हासिल की है। गुजरात में कुल 182 सीटें हैं। बीजेपी ने गुजरात में 156 सीटें अपने नाम की। कांग्रेस ने 17 सीटें अपने नाम की। वहीं आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें हासिल कीं। निर्दलीय 3 सीटें बना पाई। समाजवादी पार्टी मात्र 1 सीट ही बना पाई।
हिमाचल प्रदेश में कितनी सीटें है?
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 35 सीटों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने इस बार 40 सीटों पर जीत हासिल कर हिमाचल की गद्दी अपने नाम कर ली है। वहीं भाजपा 25 सीटों पर जीत हासिल कर दूसरे नंबर पर रही है, इस चुनाव में 3 सीटें अन्य के खाते में भी गई हैं।
Edit By Deshhit News