खास वस्तुओं से सुधारें घर का वास्तु,ज्योतिर्विद विशाल शुक्ल

09 Sep, 2021
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नमस्कार पाठकों आपका बहुत स्वागत है आप पढ़ रहे हैं मिरेकल ऑफ ज्योतिष और मैं हूं आपके साथ  पं0 विशाल शुक्ल। देखिए पिछले वास्तु के अंक के हमने चर्चा की थी। घर को कैसा रखें आज के अंक में हम आपको बताएंगे, कुछ खास वस्तुओं के बारे में जिसका प्रयोग करके हम तमाम वास्तु संबंधी मुश्किलों से बच सकते हैं। तो आइए जानते हैं, कि कौन सी है वह वस्तुएं जो आपके घर का वास्तु ठीक करें।

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गणेश जी की प्रतिमा:- बहुत सारे घरों में या और जगहों पर आपने देखा होगा कि लोग घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र लगाते हैं देखिए मैं किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता लेकिन यह तरीका ठीक नहीं है आप पूछेंगे क्यों ठीक नहीं है भाई आपको बता दूं की गणेश जी के पेट की तरफ संपन्न ता होती है और पीठ की तरफ दरिद्रता होती है तो जब भी गणेश जी का चित्र प्रतिमा लगाएं तो उनका मुख घर के अंदर और पीठ घर के बाहर की तरफ रखें।

Mangal Kalash | घर में मंगल कलश रखने के 3 फायदे

मंगल कलश:- देखिए कलश का मतलब होता है संपन्नता। चंद्र और शुक्र से इसका सीधा संबंध होता है। कलश की स्थापना मुख्य रूप से दो जगह की जा सकती है। एक मुख्य द्वार पर और दूसरा पूजा स्थान पर। मुख्य द्वार पर कलश जब भी रखें, तो यह खुला हुआ हो और इसमें ऊपर तक जल भरकर फूलों की पंखुड़ियां इसमें डाल कर रखें। अब मान लिया हर व्यक्ति के लिए संभव नहीं है ऐसा करना। कोई भी वजह हो सकती है, तो ऐसी दशा में मुख्य द्वार पर मंगल कलश का चित्र लगाएं। आपको लाभ होगा और जीवन में संपन्नता बनी रहेगी।

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वंदरवार :- मंगल कार्य के पहले या किसी उत्सव के पहले या किसी पर्व त्यौहार के पहले घर के मुख्य द्वार पर वंदरवार लगाते हैं। वैसे तो कई तरह के वंदरवार का इस्तेमाल लोग करते हैं, लेकिन मैं बता दूं कि आम और अशोक के पत्तों का वंदरवार लगाना बहुत लाभकारी रहता है। मंगलवार के दिन मुख्य द्वार पर वंदरवार लगाना सर्वोत्तम होता है। आम के पत्तों में सुख को आकर्षित करने की क्षमता होती है। इसलिए आम के पत्तों का वंदरवार सर्वोत्तम है।

Swastik ka arth, स्वास्तिक का अर्थ, - MemorymuseumSwastik ka arth,  स्वास्तिक का अर्थ,

स्वस्तिक:- ”स्वस्ति” का मतलब कल्याण और ”क” का मतलब करने वाला अर्थात ”कल्याण करने वाला”। किसी भी स्थान की ऊर्जा को घटाने बढ़ाने या संतुलित करने के लिए इसका प्रयोग मुख्य रूप से होता है। लेकिन अगर आप गलत इस्तेमाल करते हैं स्वस्तिक का तो आप मुश्किल में आ सकते हैं और अगर आप सही इस्तेमाल करते हैं स्वस्तिक का तो आप अपने जीवन की तमाम समस्याओं का अंत कर सकते हैं। लाल और नीले रंग के स्वस्तिक का प्रयोग सर्वोत्तम होता है। घर के मुख्य द्वार के दाएं और बाएं ओर लाल रंग के स्वास्तिक लगाने चाहिए। ऐसा करने से घर के वास्तु दोष और दिशादोष काफी हद तक समाप्त हो जाते हैं। घर के मुख्य द्वार के बीचो-बीच नीले रंग के स्वस्तिक का प्रयोग करना चाहिए। ऐसा करने से घर के लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।

उपयोगी ज्ञान : दरवाजे पर घोड़े की नाल को क्यों लगाते हैं?

घोड़े की नाल:- देखिए घोड़े की नाल का संबंध शनि के साथ होता है। नाल के प्रयोग से शनि संबंधी बाधाएं समाप्त की जा सकती है। घोड़े की नाल वही इस्तेमाल करें जो घोड़े के पैरों पर लगी हो और घिस गई हो। नई नाल बाजार से खरीद कर लगाने का कोई फायदा नहीं होगा। कैसे लगाएं देखिए शुक्रवार को घोड़े की नाल ले आइए। इसे रात भर सरसों के तेल में भिगोकर छोड़ दीजिए। इसे शनिवार की शाम को निकालकर साफ जल से धोकर घर के मुख्य द्वार पर U आकार में लगा दीजिए। इससे घर के सभी लोगों का शनि ठीक होगा और घर का कलह तनाव दूर होगा।

पंडित विशाल शुक्ल,
एस्ट्रोलॉजर ( मिरेकल ऑफ ज्योतिष- कानपुर )
Vastu, Career & Relationship Astro Expert

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