नई दिल्ली, 01 मई 2024: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आज रात ओडिशा तट के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल प्रणाली, जिसे विशेष रूप से दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ने रात के समय अपनी क्षमताओं का सफल प्रदर्शन किया, जो इसकी रणनीतिक प्रभावशीलता को दर्शाता है।
परीक्षण के मुख्य बिंदु:
- प्रणाली: सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट)
- स्थान: ओडिशा तट, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप
- समय: रात
- उद्देश्य: मिसाइल प्रणाली की रात में काम करने की क्षमता का मूल्यांकन
परीक्षण का महत्व:
यह सफल परीक्षण ‘स्मार्ट’ मिसाइल प्रणाली की रात में काम करने की क्षमता का प्रमाण है, जो इसे पहले से ही दुश्मन की पनडुब्बियों के लिए एक गंभीर खतरा बनाता है। यह रक्षा रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करता है और देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने की क्षमता को बढ़ाता है।
‘स्मार्ट‘ मिसाइल प्रणाली की विशेषताएं:
- अत्यधिक गति: मिसाइल ध्वनि की गति से अधिक गति से उड़ सकती है, जिससे इसे रोकना या उससे बचना मुश्किल हो जाता है।
- सटीकता: मिसाइल उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को ढूंढ और नष्ट कर सकती है।
- विनाशकारी शक्ति: मिसाइल में टारपीडो ले जाने की क्षमता है जो पानी के अंदर जाकर दुश्मन की पनडुब्बियों को भारी क्षति पहुंचा सकता है।
- रात्रि-दृष्टि: मिसाइल अत्याधुनिक इमेजिंग और सेंसर तकनीक से लैस है जो इसे कम रोशनी या अंधेरे में भी काम करने में सक्षम बनाती है।
यह सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है और देश को क्षेत्र में एक मजबूत सुरक्षा स्थिति प्रदान करता है।