सोनभद्र ज़िले में आज भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण उत्तरी क्षेत्र लखनऊ टीम द्वारा सोनभद्र के सलखन में स्थित 164 करोड़ वर्ष पुराने और विश्व धरोहर जीवाश्म उद्यान में भारत सरकार की महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया । कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनमानस को सलखन जीवाश्म उद्यान के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए स्वच्छता के महत्व को बताना था। कार्यक्रम का शुभारंभ खान निदेशक खान मंत्रालय अंशु पांडे ने किया इस मौके पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के उपमहानिदेशक वी पी गौड़ भी मौजुद थे।
वही कार्यक्रम में स्थानीय निकायों, वन विभाग, पुलिस और बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में अंशु पांडे द्वारा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई। इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी लोगो द्वारा झाड़ू लगाकर कूड़ा उठाकर लोगो को स्वच्छता का संदेश दिया गया। वही मौजुद सभी लोगो ने एक एक पेड़ मां के नाम लगाया और शुद्ध वातावरण शुद्ध हवा का भी संदेश दिया गया।
कार्यक्रम में सलखन की इस भूविरासत के संरक्षण तथा स्वच्छता पर विशेष बल दिया । भारतीय वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा प्रदर्शित स्थानीय खनिजों, अयस्कों एवं पोस्टर की प्रदर्शनी भी लगाई गई और अधिकारियों ने वहां मौजुद छात्र छात्राओं को इस विषय की जानकारी भी दी। सलखन जीवाश्म उद्यान के आसपास की सफाई का कार्य किया गया और जनता को इस भूविरासत के संरक्षण के महत्व को समझाया।
वही खान निदेशक खान मंत्रालय अंशु पांडे ने बताया कि सलखन जीवाश्म उद्यान उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में स्थित है और उत्तर प्रदेश का एकमात्र भू विरासत स्थल है सलखन जीवाश्म उद्यान विंध्य तलछठी महासमूह की चूना पत्थर चट्टानों में स्ट्रोमैटोलाइट प्रकार के जीवाश्म पाए जाते हैं जो कि पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति एवम विकास क्रम को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन जीवाश्मों की खोज 1933 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों द्वारा की गई, यह जीवाश्म लगभग एक (1.5) अरब वर्ष पूर्व समुद्र के तल पर पाए जाने वाले एक कोशिकीय शैवाल हैं जिनका वातावरण में आक्सीजन उपलब्ध करवाने का योगदान से जाना जाता है।
Report – Ganesh Kumar/ Sonbhadra