इंडियनऑयल की सीएसआर पहल से पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में टीबी रोग के उन्मूलन में मिलेगी मदद

08 Jan, 2022
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नई दिल्ली : इंडियनऑयल ने उत्तर प्रदेश के 75 जिले तथा पंजाब में 23 जिले में शहर समन्वय समितियों, जिला स्वास्थ्य समितियों, तकनीकी सहायता समूहों, आदि के साथ एकीकृत और प्राथमिकता वाली पहल के माध्यम से एक सक्षम वातावरण प्रदान करके भारत में राष्ट्रीय टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का समर्थन करने का संकल्प किया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अगले तीन वर्षों तक हर साल उत्तर प्रदेश और पंजाब के सभी लोगों की स्क्रीनिंग और परीक्षण करना है। एक बार रोगियों को सूचित करने के बाद, उनका उपचार राष्ट्रीय टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के प्रोटोकॉल के अनुसार जारी रहेगा।

टीबी रोग भारत की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बना हुआ है। भारत में हर साल बड़ी संख्या में ‘लापता’ मामले होते हैं, जिनका पता नहीं लगाया जाता है या रिपोर्ट नहीं की जाती है।

2018 में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2030 के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) से पांच साल पहले, 2025 तक भारत में टीबी रोग का उन्मूलन करने का आह्वान किया था। भारत सरकार टीबी रोग उन्मूलन कार्यक्रम के लिए सालाना बजट में पर्याप्त धनराशि का प्रावधान करती है। हालांकि, इसकी गंभीरता को देखते हुए, मौजूदा संसाधनों, सेवा वितरण तंत्र और बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर हर साल अनेक लापता टीबी रोगियों की पहचान करने की दिशा में सरकार की ओर से सार्थक प्रयास की आवश्यकता है। टीबी रोग उन्मूलन एक राष्ट्रीय कर्तव्य है, इसलिए उपचार के लिए टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है। लक्षण की जांच के लिए लगभग सभी लोगों तक हर साल पहुंचने की जरूरत है और अगले 3.5 वर्षों में रोग के लक्षण वाले एक करोड़ से अधिक लोगों के परीक्षण की आवश्यकता है, ताकि इसके संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए शीघ्र निदान को लेकर इसमें सभी को शामिल किया जा सके।

प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से, “टीबी मुक्त भारत” के “जन आंदोलन” में शामिल हो रहा है। एक जागरूक कॉर्पोरेट सदस्य के रूप में, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति के कारण, इंडियनऑयल ने रोगियों की पहचान करने, आपूर्ति-पक्ष को मजबूत करने और सक्षम वातावरण तैयार करके डॉट्स को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का निर्णय लिया है।

उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है (भारत की जनसंख्या का लगभग 20 प्रतिशत)। 2020 में, 23.4 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में भारत में तपेदिक के मामले का सबसे बड़ा हिस्सा (20 प्रतिशत से अधिक) था। साथ ही, देश में लापता रोगियों के अनुमानित मामलों में इसका लगभग एक-चौथाई हिस्सा है। पंजाब कई राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को आश्रय देता है और प्रवासियों के बीच टीबी रोगियों की देखभाल सुनिश्चित करना एक चुनौती है।

राज्य सरकार के सहयोग से, मरीजों की पहचान को लेकर समुदाय में सूचना, शिक्षा एवं संवाद (आईईसी) कार्यक्रम चलाने तथा राज्य में आशा, एएनएम एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लोगों की सटीक जांच के लिए प्रोत्साहित करके उन्हें मजबूत करने में सहायता दी जाएगी। मोबाइल वैन आदि के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर मशीन और दवा वितरण प्रणाली उपलब्ध कराकर परीक्षण के लिए और अधिक सुविधाएं सृजित कर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

देखभाल की अपनी मूल भावना के हिस्से के रूप में, इंडियनऑयल हमेशा भारत के लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। महामारी के दूसरे दौर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन प्रदान करने से लेकर, अपने लाखों चैनल भागीदारों का टीकाकरण सुनिश्चित करने और महामारी के दौरान महत्वपूर्ण पेट्रोलियम उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने तक, ‘पहले इंडिया फिर ऑयल’ हमेशा इंडियनऑयल का मार्गदर्शक मंत्र रहा है।

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