22 मई, 2024 को, इंडिगो एयरलाइंस की एक दिल्ली-हैदराबाद फ्लाइट को अतिरिक्त यात्री के कारण वापस लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि यह यात्री बिना टिकट के विमान में सवार हो गया था और पीछे खड़े होकर यात्रा कर रहा था।
यह घटना तब सामने आई जब विमान दिल्ली से उड़ान भरने के बाद करीब 30 मिनट हवा में था। फ्लाइट क्रू को जब इस अवैध यात्री के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को दी।
एटीसी के निर्देश पर, विमान को वापस दिल्ली हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा। वहां, सुरक्षा अधिकारियों ने अवैध यात्री को हिरासत में ले लिया।
इस घटना के कारण फ्लाइट में सवार अन्य यात्रियों को काफी परेशानी हुई। उन्हें दूसरी उड़ान से हैदराबाद जाना पड़ा।
एयरलाइंस कंपनियों की लापरवाही
यह घटना एयरलाइंस कंपनियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है। यह स्पष्ट नहीं है कि अवैध यात्री बिना टिकट के विमान में कैसे सवार हो गया।
इस घटना से यह भी पता चलता है कि एयरलाइंस कंपनियां अपनी उड़ानों में सवार यात्रियों की संख्या की ठीक से गिनती नहीं करती हैं।
यह लापरवाही न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि हवाई यात्रा की छवि को भी खराब करती है।
राज्य परिवहन निगम की बसों/सेवाओं और हवाई जहाज के बीच की दूरी मिटाने का प्रयास
यह सच है कि कुछ एयरलाइंस कंपनियां कम किराए पर उड़ानें देकर राज्य परिवहन निगम की बसों और सेवाओं के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हवाई यात्रा और बस यात्रा के बीच अभी भी एक बड़ा अंतर है।
हवाई यात्रा आम तौर पर बस यात्रा की तुलना में अधिक महंगी होती है, और यह सभी के लिए सुलभ नहीं होती है।
इसके अलावा, हवाई यात्रा का पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यह कहना गलत होगा कि एयरलाइंस कंपनियां राज्य परिवहन निगम की बसों/सेवाओं और हवाई जहाज के बीच की दूरी को मिटाने का गंभीर प्रयास कर रही हैं।
दोनों परिवहन के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं, और यात्री अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार उनमें से किसी एक को चुन सकते हैं।
संदीप उपाध्याय