पिछले तीन महीने से भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे तो दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि ये दाम चुनाव के कारण नहीं बढ़ें थे
नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डीजल-पेट्रोल की कीमत लगभग 40 प्रतिशत कि बढ़ोतरी हुई है जिसका असर भारत पर भी देखना को मिल रहा है. पिछले तीन महीने से भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े थे तो दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि ये दाम चुनाव के कारण नहीं बढ़ें थे. अभी फिलहाल आम जनता को डीजल-पेट्रोल पुराने रेट में मिल रहा है. लेकिन आने वाले कल को इसमें 25 रुपये कि बढ़ोतरी होगी.
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इस महीने पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 प्रतिशत का उछाल आया है. बस परिचालकों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा. आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं. इसलिए ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है. सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां को हुआ है. बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक मात्रा में कमी नहीं की है.
अभी फिलहाल महानगरों में बल्क यूजर्स और आम उपभोक्ता के प्राइस में अंतर है वर्तमान स्थिति देखें तो दिल्ली में बल्क यूजर्स के लिए डीजल का दाम 115 रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, पेट्रोल पंपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है. मुंबई में बल्क यूजर्स को बेचे जा रहे डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है, जबकि पेट्रोल पंपों पर बिक रहा डीजल का दाम 94.14 रुपये प्रति लीटर है.
अब सवाल उठता है कि अगर देश में डीजल के प्राइस में 25 रुपये कि बढ़ोतरी होगी तो किस अपर असर पड़ सकता है आपको बताते चले कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर सिर्फ थोक विक्रेताओं पर पड़ने वाला है. इस थोक विक्रेताओं में सरकारी बस के बेड़े, मॉल, हवाई अड्डों, बिजली पैदा करने वाली इंडस्ट्री शामिल हैं, जो बड़ी मात्रा में डीजल की खरीदारी करते हैं. रविवार को भी तेल कंपनियों ने आम जनता के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया। तेल कंपनियों ने 137वें दिन भी पेट्रोल-डीजल की कीमत को अपरिवर्तित रखा है.
ज्यादातर डीजल के इस्तमाल बड़ी कंपनियां और हैवी व्हीकल करते हैं. अगर डीजल पर प्राइस बढ़ते हैं तो महंगाई भी साफतौर पर देखने को मिलगी क्योंकि रेट बढ़ने से ट्रांसपोर्ट पर इसका असर दिखेगा, ट्रांसपोर्ट वाले माल ढूलाई वालो से अधिक पैसे लेंगे, अगर वह ऐसा करेंगे तो खाद्य वस्तुओं पर भी रेट बढ़ सकते हैं ये तो साफ़ है कि पेट्रोल-डीजल कि कीमतों पर असर होगा तो महंगाई बढ़ना तय है.