ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इराक और सीरिया में हवाई हमलों के एक दिन बाद यह एयरस्ट्राइक की। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि बलोच उग्रवादी समूह के दो ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया।
बाद में उन रिपोर्टों को बिना किसी स्पष्टीकरण के अचानक हटा दिया गया। आईआरएनए समाचार एजेंसी और राज्य टेलीविजन ने कहा था कि हमले में मिसाइलों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिसे पाकिस्तान ने तुरंत स्वीकार नहीं किया। ये हमले पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जैश अल-अदल के खिलाफ किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी सेना ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के उस क्षेत्र में हमला किया, जहां जैश- ल-अदल का सबसे बड़ा मुख्यालय था। पाकिस्तान ने दावा किया है कि ईरान के अकारण हमले में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हुई हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने हमलों की कड़ी निंदा करते हुए एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ईरान द्वारा उसके हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की कड़ी निंदा करता है, जिसमें दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। बयान में कहा गया है कि यह पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा कहा है कि आतंकवाद क्षेत्र के सभी देशों के लिए साझा खतरा है, जिसके लिए समन्वित कार्रवाई की जरूरत है। इस तरह की एकतरफा कार्रवाई अच्छे पड़ोसी संबंधों के अनुरूप नहीं है। ऐसे कृत्य द्विपक्षीय संबंध और विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, जैश अल-अदल का गठन 2012 में हुआ था, जिसे ईरान आतंकवादी संगठन मानता है। ईरान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में स्थित यह एक सुन्नी आतंकवादी समूह है। पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस चौकी पर हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 11 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।
एक दिन पहले इराक-सीरिया पर भी हमला
एक दिन पहले, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इराक के उत्तरी शहर एरिबल के पास स्थित इस्राइल की मोसाद एजेंसी पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। साथ ही गार्ड्स ने सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। आंतकी समूहों आईएस की सभाओं को तबाह करने के लिए भी ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। हमले के कारण चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए, जिन्हें पास के ही अस्पताल में ले जाया गया है।
एरिबल स्थित अमेरिका दूतावस के पास भी विस्फोट
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इराक के एरिबल शहर स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के नजदीक भी कई विस्फोट हुए थे। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने ही हमलों की जिम्मेदारी ली थी। सूत्रों के मुताबिक, बमबारी बेहद हिंसक थी, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास आठ स्थानों को निशाना बनाया गया था। कुछ सूत्रों की मानें तो एरिबल हवाई अड्डे के पास भी इराक ने तीन ड्रोन मार गिराए गए थे। हवाईयात्रियों को एरिबल हवाईअड्डे पर ही रोक दिया गया था।
पिछले सप्ताह ईरान में बम धमाकों में हुई थी 100 लोगों की मौत
बता दें, पिछले सप्ताह ईरान में दो बम धमाके हुए थे, जिसमें 100 लोगों की मौत हो गई। बम धमाके के कारण इस्राइल-हमास युद्ध के बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। तनावपूर्ण हालातों के मद्देनजर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अरब देशों का दौरा कर सकते हैं। ईरान और हमास ने हमले का जवाबदेह अमेरिका और इस्राइल को माना है। हालांकि, अमेरिका ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
ईरानी गृह मंत्री ने एक महीने पहले दी थी चेतावनी
पिछले महीने ही पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों ने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान के एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस हमले में 12 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसके बाद ईरान ने पाकिस्तान को अपनी सीमा में मौजूद आतंकवादियों को नियंत्रित करने की धमकी दी थी। ईरान के गृह मंत्री अहमद वाहिदी ने कहा था कि पाकिस्तान साझा सीमा की रक्षा करे और आतंकवादी समूहों को अपने क्षेत्र में ठिकाना बनाने से रोके। उन्होंने कहा, लगातार ऐसे मामले देखने को मिले हैं, जब हमारी जमीन पर हमला करने वाले पाकिस्तान के रास्ते पहुंचे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे पड़ोसियों का अपनी सीमाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए। सिर्फ बॉर्डर ही नहीं पाकिस्तानी सरकार को पूरे देश में देखना चाहिए कि आतंकवादी समूह वहां ठिकाने स्थापित ना करें, ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों को रोका जा सके।