देहरादून: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) 2024 में कथित अनियमितताओं को लेकर उठ रहे सवालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन ने की दोबारा परीक्षा की मांग:
इस मुद्दे पर उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन ने पत्रकार वार्ता कर नीट यूजी परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित करने की मांग की है। फेडरेशन के अध्यक्ष लुसन तोडरिया का कहना है कि यह पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा घोटाला है।
परीक्षा में कई खामियां:
उनका आरोप है कि परीक्षा में प्रिंटिंग से लेकर वितरण तक हर स्तर पर गड़बड़ी हुई है। बिहार पुलिस ने परीक्षा वाले दिन ही इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) पर भी सवाल:
तोड़रिया ने एनटीए पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एनटीए ने 4 जून को ही परीक्षा परिणाम घोषित कर मामले को रफा-दफा कर दिया।
साल 2019 से ही मिल रहे सौ में सौ अंक:
उन्होंने यह भी बताया कि 2019 से अब तक नीट परीक्षा में सौ में सौ अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या बहुत कम थी। लेकिन इस बार 67 छात्रों ने यह उपलब्धि हासिल की है, जो कि गड़बड़ी का ही संकेत है।
क्या होगा आगे?
यह देखना बाकी है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है। वहीं, उत्तराखंड स्टूडेंट फेडरेशन का प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि छात्र इस मुद्दे पर कितने गंभीर हैं।
शुभम कोटनाला