नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 4 साल बाद एक बार फिर से पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान को लॉन्च किया.अगस्त के आखिर में चंद्रयान-3 का लैंडर, रोवर को लेकर चंद्रमा पर उतरेगा.
चंद्रयान-3 आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया गया. चंद्रयान-3 के जरिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतरने वाला है. इस मिशन की सफलता के बाद अब भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है. बता दें कि अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर यान उतार सके हैं।
चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन के बारे में जानिए…
चंद्रयान 1: पहला चंद्र मिशन
चंद्रयान 1 भारत का पहला चंद्र मिशन रहा. इस प्रोजेक्ट पर इसरो के वैज्ञानिकों की काफी बड़ी टीम खोज कर रही थी. इस प्रोजेक्ट को 22 अक्टूबर 2008 को लांच किया गया था. चंद्रयान-1 के पीछे की प्लानिंग और आईडिया में माधवन नायर ‘इसरो’ के पूर्व प्रमुख ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इस मानव रहित यान को चन्द्रमा तक पहुंचाने के लिए 5 दिनों का समय लग गया था. वहीं इसे चन्द्रमा पर स्थापित करने में पूरे 15 दिनों का वक़्त लगा था. जहां तक इसके नाकाम होने का कारण देखा जाए तो करीब 1 साल बाद खराब थर्मल परीक्षण और ऑर्बिटर को स्टार ट्रैकर की विफलता के साथ-साथ कई तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा. यही कारण है कि चंद्रयान 1 निष्फल हो गया. लेकिन वहीं चंद्रयान मिशन से भारत ने एक बहुत बड़ी खोज और सफलता भी पाई, जोकि चन्द्रमा पर पानी होना है.
98% सफल रहा चंद्रयान-2
22 जुलाई 2019, भारत के लिए सबसे बड़ी सफलता और ऐतिहासिक दिन रहा था. रितु करिधल एक वैज्ञानिक जो इसरो के बड़े अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-2 की प्रभारी थीं. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक होता तो चंद्रयान-2 चंद्रमा के सबसे दक्षिणी हिस्से पर उतारा जाता. लेकिन कुछ गलतियों की वजह से अपने रास्ते से भटक जाने पर चंद्रयान अपने निर्धारित लक्ष्य से करीब 2.1 किलोमीटर दूर उतरा. अंतरिक्ष यान को नियंत्रित करने के प्रभारी लोगों का भी इससे संपर्क टूट गया. इसी कारण को अपनी प्रेरणा बनाते हुए चंद्रयान 3 की तैयारी शुरू कर दी गयी.
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग जुलाई में होने का है वैज्ञानिक कारण
जुलाई महीने में प्रक्षेपण करने का कारण ठीक चंद्रयान-2 मिशन (22 जुलाई, 2019) जैसा ही है क्योंकि साल के इस समय में पृथ्वी और उसका उपग्रह चंद्रमा एक-दूसरे के बेहद करीब होते हैं. आज का मिशन भी चंद्रयान-2 की तर्ज पर होगा, जहां वैज्ञानिक कई क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे. इनमें चंद्रमा की कक्षा पर पहुंचना, लैंडर का उपयोग कर चंद्रमा की सतह पर यान को सुरक्षित उतारना और लैंडर में से रोवर का बाहर निकलकर चंद्रमा की सतह के बारे में अध्ययन करना शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे चंद्रयान मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं
फ्रांस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे चंद्रयान मिशन के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा तथा यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा. चंद्रयान-2, 2019 में चांद की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतरने में विफल रहा था जिससे इसरो का दल काफी निराश हो गया था. तब भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवान को गले लगा कर ढांढस बंधाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें आज भी लोगों को याद हैं. वैज्ञानिक यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में घंटों कड़ी मेहनत करने के बाद चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग तकनीक में महारथ हासिल करने का लाक्ष्य साधे हुए हैं.
बॉलीवुड ने दी शुभकामनाएं
बॉलीवुड ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो की टीम को शुभकामनाएं दी हैं. बता दें कि अनुपम खेर, सुनील शेट्टी, सहित कई कलाकारों ने इसरो की तारीफ करते हुए बधाई दी है.
केजरीवाल ने दी शुभकामनाएं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले इसरो की टीम को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि आज देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है. चंद्रयान-3 मिशन के द्वारा भारत एक बार फिर चांद पर कदम रखने की कोशिश करेगा.
चंद्रयान–3 की लॉन्चिंग देखने 200 से अधिक स्कूली छात्र श्रीहरिकोटा पहुंचे
चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले शुक्रवार को 200 से अधिक स्कूली छात्र चंद्रयान 3 के प्रक्षेपण को देखने के लिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे.एक छात्रा सुभाषिनी ने कल्पना चावला की तरह अंतरिक्ष यात्री बनने की अपनी आकांक्षा साझा की. छात्रों के साथ आई शिक्षिका सुंदरी ने इस लॉन्च को सभी के लिए बेहद खुशी का पल बताया. उन्होंने कहा, ‘यहां आना हमारे लिए रोमांचक है. छात्र चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लाइव देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं. हम पीएम मोदी और इसरो के आभारी हैं.’
चंद्रयान–3 मिशन का बजट फिल्म आदिपुरुष से कम?
चंद्रयान 3 के बजट की तुलना फिल्म आदिपुरुष से करने वाला एक हालिया ट्वीट इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. रवि सुतंजनी नाम के ट्विटर यूजर ने ने भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र अंतरिक्ष मिशन और बॉलीवुड फिल्म आदिपुरुष के बजट की तुलना की, जिसमें दिखाया गया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन कैसे चमत्कार कर सकता है, वह भी सीमित संसाधनों में.