आज सुबह करीब साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू होगी. बिट्टा पर 90 के दशक में अपने दोस्त टिक्कू सहित कई कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप का है. बिट्टा का असली नाम फारूक अहमद डार है. उस पर आरोप है कि उसने 31 साल पहले सतीश टिक्कू की हत्या की थी.
नई दिल्ली: श्रीनगर की अदालत में एक कश्मीरी पंडित सतीश टिक्कू के परिवार ने बिट्टा कराटे के खिलाफ एक याचिका दायर की थी जिसको लेकर आज श्रीनगर कोर्ट कराटे के ऊपर हत्या की सुनवाई शुरू करेगी. आज सुबह करीब साढ़े दस बजे सुनवाई शुरू होगी. बिट्टा पर 90 के दशक में अपने दोस्त टिक्कू सहित कई कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप है. बिट्टा का असली नाम फारूक अहमद डार है. उस पर आरोप है कि उसने 31 साल पहले सतीश टिक्कू की हत्या की और फिर कई कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया था. उसने एक टीवी इंटरव्यू में कई हत्या की बात कबूल भी की थी.
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वैसे तो बिट्टा को कई बार गिरफ्तार भी किया गया है. लेकिन हर बार उसको सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया. हाल ही में आई कश्मीरों पंडितों पर फिल्म द कश्मीर फाइल्स के रिलीज के होने के बाद से बिट्टा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. अब 31 साल बाद सतीश टिक्कू के परिवार ने एक्टिविस्ट विकास राणा की मदद से श्रीनगर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वकील उत्सव बैंस टिक्कू के परिवार का पक्ष रखेंगे.
माना जा रह है कि बिट्टा कराटे को कश्मीर में निर्दोषों की हत्या और आतंकी घटनाओं में शामिल होने की वजह से जेल हुई थी. उसने एक इंटरव्यू के दौरान खुद इस बात को कबूला था कि उसने 20 कश्मीरी पंडितों की हत्या की है. ये इंटरव्यू उसने साल 1991 में दिया था, जिसमें उसे ये कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर उसे अपने मां और भाई का खून करने के लिए भी कहा जाता तो वह ऐसा भी कर देता.
बिट्टा को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत भी अरेस्ट किया गया था. उसके बाद बिट्टा 16 साल जेल में रहा था और जिसके बाद 23 अक्टूबर 2006 को टाडा अदालत से जमानत पर रिहा हो गया था. इसके आलावा बिट्टा पर 19 से अधिक उग्रवाद से जुड़े मामले दर्ज थे. 2008 में अमरनाथ विवाद के दौरान भी उसे अरेस्ट किया गया था. बिट्टा मार्शल आर्ट्स में ट्रेन्ड है, इसलिए उसके नाम के पीछे स्थानीय लोग कराटे लगाने लगे थे.