नमस्कार पाठकों बहुत स्वागत है आपका आप पढ़ रहे हैं ” द मिरिकल ऑफ़ ज्योतिष ” और मैं हूँ आपके साथ विशाल शुक्ला. आज हम आपको बताएँगे की माता का तीसरा स्वरुप कौन सा है और उनका पूजा विधान क्या है. बात आपके राशिफल की भी करेंगे.तो आइये जानते हैं आज के विषय को.
देखिए अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है जिसकी वजह से वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही है तो नवरात्री के तीसरे दिन हनुमान जी के मंदिर में छोटी सी पीतल घंटी अर्पित करें ऐसा करने से मंगल दोष की वजह से अगर वैवाहिक जीवन में कोई दिक्कत है तो वो निश्चित रूप से दूर होगी.
अब ये जानते हैं की नवरात्री में तीसरे दिन आपको क्या वरदान प्राप्त होता है. नवरात्री के तीसरे दिन आपको अपार साहस का और भय से मुक्ति का वरदान प्राप्त होता है. इस दिन माता के चन्द्रघण्टा स्वरुप की उपासना की जाती है. इनके सर पे घंटे के आकार का चन्द्रमा है काफ़ी बड़ा चन्द्रमा है इसीलिए इनको चंद्रघण्टा कहा जाता है. इनके दसों हाथों में अस्त्र शास्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. माता चंद्रघण्टा तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं मणिपुर चक्र कहा होता है आपकी रीढ़ की हड्डी पर नाभि के ठीक पीछे. ज्योतिष में माता चंद्रघंटा का सम्बन्ध मगल ग्रह से है.इस बार माता के तीसरे स्वरुप की उपासना 9 अक्टूबर को की जाएगी. चर्चा को आगे बढ़ाएंगे लेकिन उससे पहले जान लेते हैं.
अब ये जानते हैं की माता चंद्रघंटा की पूजा कैसे की जाएगी. माता की पूजा लाल वस्त्र धारण कर के करना बहुत ही श्रेष्ठ है .माता को लाल फूल, लाल चन्दन, और लाल चुनरी समर्पित करें आपके लिए उत्तम होगा. माता की पूजा से आपका मणिपुर चक्र मजबूत होगा और भय का नाश होगा.
कभी कभी ऐसा होता है की जब आप माता चंद्र घंटा की बहुत गहरा ध्यान कर के साधना करते हैं तो आपको खुशबु आने लगती है, अलग अलग तरह की आवाज़ सुनाई देने लगती है मतलब अजीब सी सिद्धियों का आभास होने लगता है अगर आपके साथ ऐसा होता है तो इसमें ध्यान ना दें और पूरा ध्यान अपनी पूजा पर लगाएं.
देखिये अगर आपका मणिपुर चक्र कमजोर होगा तो इसका असर क्या पड़ेगा आप पे. आप के अंदर भय की वृत्ति होगी. व्यक्ति के अंदर ईर्ष्या, घृणा और और लज्जा का भाव आ जाता है, व्यक्ति में तृष्णा का भाव आ जाता है और व्यक्ति का साहस बहुत कमजोर हों जाता है. ऐसे लोगों के अंदर मोह बहुत होता है चाहे परिवार का हो या कुटुंभ का हो मोह बहुत होता है. अब इसको मजबूत कैसे करें इस पर बात होगी लेकिन उससे पहले.
अब ये जानते हैं की मणिपुर चक्र मजबूत कैसे होगा.नवरात्री के तीसरे दिन रात में 11-1 के बीच में लाल वस्त्र धारण कर के पूजन स्थल पर बैठें . पहले अपने गुरु का प्रणाम करें, गुरु अगर नहीं हैं तो आदिगुरु भगवान शिव या भगवान कृष्ण को प्रणाम करें. इसके बाद माता के सामने घी का दीपक जलाएं और माता को लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद ज्योति का ध्यान करें, जो दीपक आपने जलाया है उसपे अपना ध्यान और मन केंद्रित करें 1 मिनट 2 मिनट जितना भी हो सके, इसके बाद दुर्गा कवच का पाठ करें अगर नहीं पढ़ पा रहें हैं तो नवार्ण मंत्र का जप करें जितना सम्भव हो यथाशक्ति जप करें. आपको अद्भुत लाभ होगा.
अगर आप चाहते हैं की आपको धन की प्राप्ति सरलता से हो तो क्या करेंगे. नवरात्री में लगातार 3 दिन माँ को पान के पत्ते में 2 लौंग रखकर अर्पित करें आप देखेंगे की आपको धन आसानी से प्राप्त हो पायेगा.