जानिए पितृ पक्ष 29 या 30 सितंबर को और पितृ पक्ष में क्या करें या न करें जानें जरुरी नियम

28 Sep, 2023
Head office
Share on :

Pitru Paksha Start Date: पितृ पक्ष पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का समय है. श्राद्ध पक्ष में तर्पण, पिंडदान करने से न सिर्फ पितरों को तृप्ति मिलती है बल्कि पूर्वजों का ऋण भी चुकता हो जाता है. पितृ पक्ष भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक रहते हैं.

पितृ पक्ष में भूलकर भी ना खरीदें ये चीजें, नाराज हो जाएंगे पूर्वज, भुगतना  पड़ेगा हर्जाना | Do not buy these 4 things even by mistake during Pitru  Paksha, ancestors will get

इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023 से शुरू हो रहा है. इस साल पितृ पक्ष के पहले श्राद्ध तिथि यानि प्रतिपदा तिथि के श्राद्ध की डेट को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है. जानें पितृ पक्ष 2023 में प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध कब होगा.

29 या 30 सितंबर को होगा प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध?

अश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि 29 सितंबर को दोपहर 03.26 मिनट से 30 सितंबर दोपहर 12.21 मिनट तक रहेगी. पितृ पक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध दोपहर के समय किया जाता है. यही वजह है कि 29 सितंबर को प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध मान्य होगा. पूर्णिमा का श्राद्ध पितृ पक्ष के आखिरी दिन सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है. इस साल सर्व पिृत अमावस्या 14 अक्टूबर को है.

श्राद्ध कर्म करने का सही समय क्या है?

Read the blog at https://rollthedice.in/blogs/talk/understanding-pitru-paksha-a-guide-to-connecting-kids-with-ancestors

पितृ पक्ष में दोपहर के समय धूपध्यान करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार सुबह और शाम को देवीदेवताओं के लिए पूजापाठ की जाती है. दोपहर का समय पितरों को समर्पित है. इस दौरान ही कौवे, चींटी, गाय, देव, कुत्ते को पंचबलि भोग देना चाहिए, ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए. दोपहर में करीब 12 बजे पितरों को याद करते हुए श्राद्ध कर्म करें. श्राद्ध संपन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण मुहूर्त अच्छे माने गए हैं.

पितृपक्ष के दौरान क्या करें?

पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने के लिए पानी में काला तिल, फूल, दूध और कुश जरूर मिलाएं। मान्यता है कि कुश के इस्तेमाल से पितर जल्द ही तृप्त होते हैं।

pitru paksha 2023

पितृपक्ष के दिनों में पितरों के लिए जो भी भोजन रखें। वह भोजन बाद में गाय, कौआ, कुत्ता आदि को खिला दें। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इनके माध्यम से यह भोजन पितरों तक पहुंच जाता है।

पितृपक्ष के दौरान रोजाना स्नान के तुरंत बाद जल से ही पितरों को तर्पण करें। इससे उनकी आत्माएं जल्द तृप्त होती हैं और आशीर्वाद देती हैं। इसके अलावा यदि आप अपने पितरों का तर्पण करते हैं, तो ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें।

पितृपक्ष में क्या करें?

पितृपक्ष के दिनों में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इन दिनों अपने घर के बुजुर्गों और पितरों का अपमान न करें। इससे पितर नाराज हो जाते हैं और पितृ दोष लग सकता है।

पितृपक्ष के दौरान किसी भी तरह के धार्मिक या मांगलिक कार्य जैसे- मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश, नामकरण आदि का आयोजन न करें। मान्यता है कि पितृपक्ष में शुभ कार्य करने से उनका फल नहीं मिलता है। 

पितृपक्ष में महिलाएं रखें इन 6 बातों का खास ख्याल
पितृ पक्ष में महिलाओं को शाम के समय दिया जरूर जलाना चाहिए। ध्यान रखें की पितृ पक्ष में रोजाना एक दिया दक्षिण दिशा की तरफ करके घर के बाहर रख दें। जो लोग फ्लैट आदि में रहते हैं वह अपने घर की बालकनी में दक्षिण दिशा में करके दिया जला सकते हैं।

पितृ पक्ष में आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए की घर परिवार में वाद विवाद न करें। महिलाएं कोशिश करें की वह अपने परिवार में तालमेल बनाकर रखें।

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान श्राद्ध तर्पण का खाना न बनाए। यदि घर में कोई अन्य महिला है तो आप उनसे बनवा सकती हैं। या फिर घर का लड़का भी खाना बना सकता है।

पितृ पक्ष के दौरान शाम के समय घर में झाड़ू या अन्य साफ सफाई का काम न करें।

पितृ पक्ष में हर दिन जब भी खाना बनाएं उसमें से एक हिस्सा पहले ही निकालकर पितरों के नाम से गाय को जरूर खिला दें। ऐसा आपको हर तीथि पर करना जरुरी है।

जिस भी दिन पितृपक्ष में श्राद्ध या तर्पण की तिथि हो उस दिन पितरों की पसंद का खाना ही बनाएं।

Tags : Pitru Paksha Start Date, Pitru Paksha 2023 , Shradh 2023 Date, Shradh Paksha Start Date and Time

Written By : Deepa Rawat

News
More stories
पुलिस की वर्दी में एक शख्स महिला के साथ मारपीट किया, मौजूद शख्स ने पीड़िता को बचाया