लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश: लखीमपुर खीरी के महेवागंज और फूलबेहड़ क्षेत्र में शारदा बैराज के गेट खोलने की मांग को लेकर किसानों ने बृहस्पतिवार को उग्र प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जुटे किसानों ने लखीमपुर-निघासन मार्ग को जाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ।
प्रदर्शन का कारण
दरअसल आपको बताते चले लखीमपुर खीरी महेवागंज/ फूलबेहड़। शारदा बैराज के गेट खोलने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चल रहा धरना बृहस्पतिवार को आंदोलन में बदल गया। किसान नेताओं की अगुवाई में ग्रामीणों ने लखीमपुर-निघासन मार्ग जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। सड़क पर तीन घंटे जाम लगा रहा। सूचना पर एसडीएम निघासन, सदर, सीओ और कोतवाल मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने किसानों-ग्रामीणों को सड़क से हटाने की कोशिश की। इस दौरान किसान नेताओं से पुलिस की नोकझोंक भी हुई। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने गेट खुलने के बाद आंदोलन समाप्त करने की बात कही। प्रशासन ने सिंचाई अभियंता के सामने वार्ता कराई। गांव से बाढ़ का पानी उतरने तक 10 गेट खोले जाने और वर्षा ऋतु तक पांच गेट खुले रहने की सहमति पर लोगों ने धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया। दोपहर डेढ़ बजे से शुरू हुआ चक्का जाम शाम चार बजे समाप्त हुआ।
राहगीरोंं को झेलनी पड़ीं दिक्कतें
धरना-प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर-निघासन मार्ग पर कई किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लग गई। लोग घंटों जाम में फंसे रहे। सड़क से हटने को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस में नोकझोंक भी हुई, लेकिन प्रदर्शनकारी डटे रहे। कम्युनिस्ट पार्टी व किसान नेता शारदा नगर में अनशन कर रहे थे। भाकपा नेता कृष्णा अधिकारी और किसान नेता जसपाल सिंह ने कहा कि बैराज के गेट बंद होने से फूलबेहड़ से लेकर पलिया तक बाढ़ से त्राहि-त्राहि मची है। 45 ग्राम सभाओं में बाढ़ का पानी भरा है। रेलवे लाइन को भी नुकसान पहुंच रहा है। आंदोलनकारियों ने सभी गेट खोले जाने की मांग की। आंदोलन और धरने में भाकियू टिकैत गुट के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह, जसपाल सिंह, भाकपा माले की कृष्णाअधिकारी, किसान महा सभा के रंजीत सिंह और रामदरस के अलावा सपा के लोग भी आंदोलन में शामिल हुए।
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संजय राठौर लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश