Manipur Violence: पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के ताजा दौर के बाद कर्फ्यू में ढील को प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो जातीय संघर्षों के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से तनावपूर्ण है. मणिपुर में करीब एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं.
इंफाल. मणिपुर रह-रहकर हिंसा की आग में सुलग रहा है करीब डेढ़ महीने का वक्त बीत चुका है लेकिन अब भी हालात संभल नहीं रहे इस बीच मंगलवार की रात को राजधानी इंफाल में पूर्व जिले में फिर से हिंसा भड़क गई इसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 10 जख्मी हो गए हैं इन मौतों के साथ ही मणिपुर की हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 115 हो गई है कुकी और मैं मैतई समुदाय के बीच 3 मई से जुड़ी हिंसा अब तक थमी नहीं है पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 13 जून की रात मंगलवार को मणिपुर में पूर्वी इंफाल जिले के अगिजंग गांव में हिंसा भड़क गई है इंफाल से सटे खमेनलोक इलाके के एक कुकी समुदाय वाले गांव में मैतई लोगों की हथियारबंद भीड़ ने हमला कर दिया. करीब दो से चार हजार लोगों की इस भीड़ ने गांव में घुसकर लोगों के घर जला दिए.
गांववाले जब अपनी जान बचाने के लिए भागे तो हथियारबंद भीड़ ने उन पर गोलियां चलाईं. इसके जवाब में गांव के लोगों ने भी हथियार उठा लिए. इस हिंसा में 9 लोगों की मौत हुई है. करीब 10 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. अभी भी बहुत से लोग ICU में भर्ती हैं.
मणिपुर में बीते एक महीने से जारी हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हुई है और 310 अन्य घायल हुए हैं। दरअसल मणिपुर का मेइती समुदाय उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है। इसके खिलाफ तीन मई को राज्य के पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया, जिसके बाद राज्य में हिंसा शुरू हो गई। राज्य के 16 जिलों में से 11 में कर्फ्यू लगा हुआ है। वहीं पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है.