रीवा के गेस्ट हाउस में नाबालिग के साथ रेप करने के आरोपी महंत सीताराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. महंत सीताराम हुलिया बदलकर यूपी भागने की फिराक में था.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के रीवा में रेप के आरोपी महंत सीताराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये महंत हुलिया बदलकर यूपी भागने की फिराक में था. अब तक पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि 2 आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपी महंत सीताराम को पुलिस ने सिंगरौली जिले से गिरफ्तार किया है.
वीआईपी राज निवास में 28 मार्च को एक नाबालिग से कथावाचक महंत सीताराम ने बलात्कार किया था. आरोपी महंत सीताराम दास उर्फ सीताराम त्रिपाठी उर्फ़ समर्थ को को पुलिस ने सिंगरौली जिले से गिरफ्तार कर लिया है. सीताराम दास हुलिया बदलने के लिए बैढन बस स्टैंड में एक नाई की दुकान में गया हुआ था.
सीएम की कड़ी चेतावनी के बाद हरकत में आई पुलिस
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कड़ी चेतावनी के बाद हरकत में आई पुलिस ने साइबर सेल की मदद से सीताराम को पकड़ लिया है. आरोपी सीताराम को गिरफ्तार कर अभिरक्षा में लिया गया है. 28 मार्च को राज निवास के कमरा नं. 4 पर महंत सीताराम दास उर्फ सीताराम त्रिपाठी उर्फ़ समर्थ ने नाबालिग के साथ बलात्कार किया था.
पुलिस ने महंत सीताराम त्रिपाठी, विनोद पाण्डेय और धीरेन्द्र मिश्रा और मोनू मिश्रा पर गैंगरेप का मामला दर्ज किया है. इन पर 342, 504, 323, 328, 376 (D) 506, 5/6 पोक्सो एक्ट का मामला दर्ज कर कार्यवाई की जा रही है. अब तक पुलिस ने गैंगरेप के 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि 2 आरोपी फरार है.
रसूखदारों से हैं संबंध
महंत सीताराम त्रिपाठी उर्फ़ समर्थ श्री राम जानकी मंदिर बहराइच की गद्दी प्रमुख है. इसके अलावा कथा व्यास-वशिष्ठ पीठाधीश्वर ब्रह्मर्षि वेदांती जी महाराज श्रीधाम अयोध्या के भतीजे है. इस वजह से वह हाईप्रोफाइल लोगों से जुड़ गया. राजनेताओं से लेकर अफसरों तक इसके संबंध है.
मूलतः रीवा जिले का रहने वाला समर्थ त्रिपाठी बचपन से ही खुराफाती था. आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर वेदांती महाराज ने इसे महंत की कुर्सी दिला दी, लेकिन इसकी हरकतों में सुधार नहीं हुआ. सोशल मीडिया में सीताराम के कई अश्लील फोटो वीडियो वायरल है, जिसमें वह ना महिलाओं के साथ पार्टी कर रहा है.
पिछले एक महीने से एक होटल में ठहरा था
सीताराम 2 अप्रैल से एक बिल्डर के नवनिर्मित मॉल के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित कथावाचन करने वाला था. इस आयोजन के पहले ही वह एक होटल में ठहरा था, लेकिन यहां पर होटल संचालक से सीताराम की बहस हो गयी. उसके बाद कमरा महंत ने छोड़ दिया था.
आदतन अपराधी के नाम बुक था राज निवास
महंत सीताराम राजनिवास के कमरा नंबर 4 में ठहरा था. इसमें वीवीआइपी को रुकने की अनुमति मिलती है. हैरत की बात है कि यह कमरा आदतन अपराधी विनोद पाण्डेय के नाम पर बुक था. नाबालिग को विनोद पाण्डेय ने ही बुलाया था और बाहर से दरवाजा बंद किया था. इतना नही नाबालिग को कार से दूसरी जगह ले जाने में भी शामिल था.