नैनीताल: यदि आप 15 अप्रैल के बाद सार्वजनिक परिवहन द्वारा पहाड़ों में किसी शादी समारोह में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, तो अपनी यात्रा की योजना पहले से बना लें। चुनाव ड्यूटी के लिए आने वाले वाहनों के कारण 15 अप्रैल के बाद लोगों को यात्रा में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पहाड़ों में परिवहन भी करीब एक हफ्ते तक सीमित रह सकता है.
उत्तराखंड में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होने हैं. लेकिन जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आएंगे, इस दौरान शहरों से पहाड़ों तक यात्रा करने वाले लोगों के लिए दिक्कतें शुरू हो जाएंगी. दरअसल, चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को लाने-ले जाने के लिए टैक्सी, मैक्स, कैमू, रोडवेज और प्राइवेट बसें शामिल की गई हैं। फिलहाल 12 से 15 बसें रोडवेज ड्यूटी पर हैं। जबकि 34 बसों को ड्यूटी पर बुलाया गया है. इसके चलते 12 अप्रैल के बाद दिल्ली, देहरादून, लुधियाना, चंडीगढ़, लखनऊ, गुरुग्राम आदि मैदानी इलाकों के लिए बसों की कमी के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं 15 अप्रैल के बाद पर्वतीय रूटों के लिए बसों की कमी हो जाएगी। दरअसल, परिवहन विभाग को करीब 230 बसें अल्मोड़ा, बागेश्वर और चंपावत जिलों में भेजनी हैं। नैनीताल जिले में करीब पांच सौ बसें ड्यूटी पर तैनात की जानी हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि 15 अप्रैल के बाद पहाड़ों तक केमू बसों का संचालन बंद हो जाएगा। अकेले नैनीताल जिले में करीब सात सौ टैक्सियां और मैक्स गाड़ियां चुनाव ड्यूटी में लगाई जानी हैं। दरअसल, 15 अप्रैल के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा।
इसके लिए लोग मैदानों से पहाड़ों की ओर आएंगे। लोग खरीदारी के लिए भी हल्द्वानी आएंगे। लेकिन वाहनों की कमी से लोगों की परेशानी बढ़ सकती है.
अतिरिक्त सुझाव:
- आधिकारिक वेबसाइटों और सोशल मीडिया चैनलों पर नवीनतम अपडेट के लिए नज़र रखें।
- यात्रा के दौरान आपातकालीन संपर्कों की जानकारी अपने पास रखें।
- अपने साथ आवश्यक दस्तावेज, जैसे कि पहचान पत्र, टिकट, और होटल बुकिंग, अपने पास रखें।
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