31 साल बाद नरेला हत्याकांड का खुलासा, क्राइम ब्रांच ने कानपुर से गिरफ्तार किया आरोपी

27 Jul, 2024
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दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 1993 में नरेला में हुई हत्या के मामले में 31 साल बाद आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार किया गया है।

नरेला में हत्या की वारदात को अंजाम देकर फरार चल रहे आरोपों को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से गिरफ्तार किया है आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर सितंबर 1993 में हत्या की वारदात को अंजाम दिया और मौके वारदात से फरार हो गए लेकिन दिल्ली पुलिस की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन गिरफ्तारी के बाद जब आरोपियों को बल मिला तो आरोपी फरार हो गई और आरोपियों को डीजी एमएम कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया आरोपी की सूचना दिल्ली पुलिस की टीम को कई बार मिली लेकिन आरोपी इतना शातिर था कि दिल्ली पुलिस के आने से पहले ही वहां से अपने बच्चों को लेकर फरार हो जाता था.

पुलिस की कार्रवाई:

आरोपी ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर नरेला की योगियों में पंडित शंभू दयाल नाम के व्यक्ति की हत्या की वारदात को अंजाम दिया दिल्ली पुलिस के मुताबिक पहले तो मृतक पंडित शंभू दयाल आरोपियों के बीच कहां सुनी हुई लेकिन देर रात होने के बाद आरोपियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया मामले की जानकारी 18 सितंबर 1993 को नरेला थाने में दर्ज कराई गई इसके बाद नरेला थाना पुलिस की टीम ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू की 31 के दौरान हत्या का मामला दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था 1994 में आरोपियों को बल मिला और आरोपी फरार हो गई.


दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में खड़ा यारों की प्रेम नारायण है जिसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था हत्या की पूरी वारदात में मुन्नालाल दयाराम भी शामिल था लेकिन आरोपी प्रेम नारायण लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा और मौका देख आरोपी ने अपना आधार कार्ड पहचान पत्र फर्जी नाम से बनवा लिया और अपने परिवार के साथ कानपुर में रहने लगा मुखबिर खास की सूचना के बाद 48 घंटे तक बताई गई जगह पर ट्रैप लगाया गया इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम को कामयाबी हासिल हुई और आरोपी को गिरफ्तार किया गया

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