नरेला में नालों की सफाई में लापरवाही: स्थानीय लोगों में भारी रोष

26 Jun, 2024
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नरेला, दिल्ली: मानसून का सीजन शुरू हो चुका है और दिल्ली में बारिश कभी भी शुरू हो सकती है। इस मौसम में जलभराव और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए नालों की सफाई बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन, नरेला विधानसभा क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी विभाग डिवीजन 13 के अंतर्गत आने वाले सभी नाले गंदगी से भरे हुए हैं। नालों की सफाई में लापरवाही से स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है।

स्थानीय लोगों की परेशानी:

  • खुले नाले: नालों की सफाई ना होने के कारण नाले पूरी तरह से जाम हो गए हैं। बारिश होने पर इन नालों से जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे सड़कों पर पानी भर सकता है और लोगों का आवागमन बाधित हो सकता है।
  • स्वास्थ्य खतरा: गंदे नालों से मच्छरों का प्रजनन बढ़ता है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • दुर्गंध: गंदे नालों से भारी दुर्गंध भी आती है, जिससे आसपास के वातावरण में रहना मुश्किल हो जाता है।
मनोज कुमार गुप्ता
देवेंद्र मलिक

राजधानी दिल्ली में मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है जिसको लेकर दिल्ली नगर निगम व पीडब्ल्यूडी विभाग को हर साल नालो की सफाई का एक अलग से बजट दिया जाता है जिसमें क्षेत्र के सभी नालों की सफाई की जाती है लेकिन नरेला विधानसभा में इसका उल्टा है जहां पीडब्ल्यूडी विभाग डिवीजन 13 के अधीन आने वाले सभी नाले जाम पड़े हैं. जिसकी वजह से स्थानीय लोग काफी परेशान है कुछ नालों की हालत तो ऐसी है कि उनकी वजह से सड़कों पर पानी भरा हुआ है जबकि अभी तक राजधानी दिल्ली में बारिश भी नहीं हुई है.

देवेंद्र कुमार लोधी

स्थानीय लोगों की मांग:


पीडब्ल्यूडी विभाग डिवीजन 13 के अधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है क्योंकि सड़क किनारे बने सभी नालों के में होल टूटे हुए हैं या फिर उनके ऊपर में होल ही नहीं है वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह खुले पड़े यह नालो के मैनहोल राहगीरो को मौत की तरफ खींच रहे हैं जी हां जब बारिश होगी तो सड़कों पर पानी भरा होगा जिसमें ना कोई गड्ढा दिखाई देगा और ना ही नाला जिसकी वजह से कोई भी राहगीर बड़े हादसे का है शिकार हो सकता है और अपनी जान गवा सकता है.

बादली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लिबासपुर में भी पीडब्ल्यूडी के नाले में बीते वर्ष एक युवक की डूब कर मौत हो गई थी क्योंकि सड़कों पर पानी का सैलाब बह रहा था जिसकी वजह से उसे नाला नजर नहीं आया और पानी का भाव इतना तेज था कि युवक पानी के साथ नाले में बेह गया जिसकी डूबने से मौत हो गई थी लेकिन दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले पीडब्ल्यूडी विभाग की अभी तक नींद नहीं टूटी है और किसी बड़े हादसे का इंतजार नरेला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अलीपुर गांव में भी किया जा रहा है.

वीओ

जब इस मामले को लेकर हम पीडब्ल्यूडी विभाग डिवीजन 13 के ऑफिस में अधिकारियों से बात करने के लिए पहुंचे तो वहां पर उन्होंने कैमरे पर बोलने से साफ मना कर दिया गया और pro का हवाला दे दिया गया कि आप विभाग के pro से जाकर बात करें जबकि मामले की जानकारी पीडब्ल्यूडी विभाग के व्हाट्सएप नंबर पर भी 3 जून से लगातार शिकायतें की जा रही है लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारी अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं क्योंकि पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी व ठेकेदार मिलकर नालों की सफाई के नाम पर प्रतिवर्ष सरकार से लाखों करोड़ों रुपए लेते हैं और नालों की सफाई सिर्फ कागजों में दिखाई जाती है ना कि जमीनी स्तर पर लेकिन इस इलाके के लोग पिछले 5 से 6 महीने से समस्या से जूझ रहे हैं इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं I

रिपोर्टर प्रदीप सिंह उज्जैन

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