नई दिल्ली: योग गुरु स्वामी रामदेव ने एक बार फिर जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनना चाहिए। बता दें कि 73 साल बाद चीन पूरी दुनिया में आबादी के आंकड़ों में भारत से पिछड़ गया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की आबादी अब चीन से 29 लाख अधिक हो गई है। वर्तमान में भारत की जनसंख्या 142 करोड़ 86 लाख है। वहीं, चीन की जनसंख्या 142 करोड़ 57 लाख है।
भारत की आबादी 140 करोड़ हो गई है और देश इससे अधिक बोझ झेल नहीं पाएगा – बाबा रामदेव
जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि भारत की आबादी 140 करोड़ हो गई है और देश इससे अधिक बोझ झेल नहीं पाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम इतने ही लोगों को रेलवे, एयरपोर्ट ,,कॉलेज यूनिवर्सिटी, रोजगार दे पाएं तो यही बहुत है। देश की संसद में जनसंख्या नियंत्रण का कानून भी बनना चाहिए। तभी हम देश के संसाधनों का सही से दोहन कर पाएंगे उपयोग कर पाएंगे। देश के ऊपर अतिरिक्त बोझ नहीं होना चाहिए।’
पहली भी कर चुके हैं मांग
बता दें, यह पहली बार नहीं है, जब स्वामी रामदेव ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की वकालत की है। वह पहले भी कई मौकों पर इस मुद्दे को उठा चुके हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने कहा था कि दो बच्चों के बाद पैदा होने वाले बच्चे को मताधिकार, चुनाव लड़ने के अधिकार और अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए। स्वामी रामदेव ने कहा कि जिस तरह से देश की जनसंख्या बढ़ रही है, उसके लिये भारत तैयार नहीं है और किसी भी दशा में भारत की आबादी 150 करोड़ से ज्यादा है और किसी भी दशा में भारत की आबादी 150 करोड़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
भारत में सबसे ज्यादा आबादी उत्तर- प्रदेश की
बात आबादी की हो रही है तो उत्तर प्रदेश की गिनती जनसंख्या के हिसाब से दुनिया के छठे बड़े देश में हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की आबादी 23.5 करोड़ है, जो ब्राजील से अधिक है। जनसंख्या के हिसाब से ब्राजील दुनिया का छठा बड़ा देश है। यहां की आबादी करीब 21 करोड़ है।
1951 में मात्र 36 करोड़ थी भारत का आबादी
भारत की आजादी के बाद पहली बार साल 1951 में जनगणना की गई, उस वक्त देश की कुल आबादी महज 36 करोड़ थी। इसके बाद जनसंख्या तेजी से बढ़ने लगी और आज 2023 में भारत की आबादी 142 करोड़ से ज्यादा हो गई। आज से करीब 72 साल पहले किसी ने भी ये अंदाजा नहीं लगाया था कि भारत की आबादी में 106 करोड़ की बढ़ोतरी हो जाएगी।
क्यों बढ़ रही है भारत की आबादी ?
भारत में बढ़ती आबादी को लेकर कई बार सरकारों ने चिंता जताई लेकिन एक बार को छोड़कर कभी प्रयास नहीं किया गया। 1975 के दौरान देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए नसबंदी अभियान चलाया गया था, जिसकी तीखी आलोचना हुई थी और इसे संविधान के खिलाफ बताया गया था। भारत में दो-बाल नीति को आजादी के बाद लगभग तीन दर्जन बार संसद में पेश किया गया है, लेकिन किसी भी सदन से हरी झंडी नहीं मिली। 2019 में प्रधानमंत्री ने इसको लेकर जनसंख्या में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई थी। इसके अलावा भारत में अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार के मामलों में समान अवसर) और अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा) जैसे संवैधानिक अधिकारों की वजह से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू नहीं हो पा रही है।