पाकिस्तान की संसद की निचला सदन यानी नेशनल असेंबली में आज सियासी तूफान की शुरुआत हो गई है. विपक्ष के अनुरोध पर संयुक्त सत्र की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में इमरान सरकार के खिलाफ संसद में विपक्ष के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान की संसद की नेशनल असेंबली में आज सियासी तूफान की शुरुआत हो गई है. विपक्ष के अनुरोध पर संयुक्त सत्र की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में इमरान सरकार के खिलाफ संसद में विपक्ष के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है जिसको लेकर अब सियासी तनाव बढ़ता जा रहा है. इस बीच अब ये सियासी घमासान सड़क के टकराव का खतरा भी बढ़ गया है. पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने जहाँ अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए 27 मार्च को इस्लामाबाद में हज़ारों कार्यकर्ताओं को जमा किया है.
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वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने भी 28 मार्च को संसद की बैठक से पहले आन्दोलन का ऐलान किया है वही विपक्ष अपने कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं. आज पीएम इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के माध्यम से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की जानी थी. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के लिए स्पीकर ने संसद को सोमवार यानी 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
पकिस्तान की संसद के नेशनल असेंबली में कुल 342 सीट हैं. अगर किसी पार्टी को सत्ता में आना है तो उसे 172 सीटों के जादुई आंकड़े को छूना पड़ेगा. अभी वर्तमान की स्थिति यह है कि इमरान खान की पार्टी तहरीक-एइंसाफ के पास 152 एमपी हैं और कहा जा रहा है कि उसकी जो सहयोगी पार्टियों ने उसका साथ छोड़ दिया है जिसके कारण इमरान की सारकार अल्पमत में आ गई है वही दूसरी ओर एकजुट विपक्ष अपनी ताकत दिखाने और 172 का जादुई आंकड़ा दिखाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पेश करने जा रहा है. कुल 342 सदस्यों वाली नेशनल एसेंबली यानी निचले सदन में इमरान खान को अपनी सरकार बचाने के लिए 172 सांसदों का समर्थन चाहिए.
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान चूहे की तरह भाग जाएंगे: बिलावल
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इमरान अविश्वास प्रस्ताव से भाग रहे हैं और स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए बिलावल ने कहा, ‘कभी महान कप्तान रहे इमरान डूबते जहाज से चूहे की तरह भाग जाएंगे. बिलावल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए विपक्षी मोर्चा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीपीपी) के 28 मार्च को प्रस्तावित लांग मार्च को स्थगित करना चाहते हैं.
पार्टी के बड़े नेताओं ने छोड़ा साथ
मीडिया का कहना है कि गायब होने वालों में संघीय और प्रांतीय सलाहकार तथा विशेष सहयोगी और राज्यमंत्री शामिल हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों की तरह ही ये मंत्री चौंकाने वाली चुप्पी साधकर अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और समय आने पर अपने पत्ते खोलेंगे. हालांकि अभी बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, सूचना मंत्री फवाद चौधरी, ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर, रक्षा मंत्री परवेज खट्टर व गृह मंत्री शेख रशीद ने इमरान की तरफ से मोर्चा संभाल रखा है.