PM मोदी ने MP में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों से की बातचीत,पढ़े पूरी खबर

07 Aug, 2021
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आईए जानते है, क्या रहा PM संबोधन का मूल पाठ:-

मध्यप्रदेश : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हो रहे इस अन्न वितरण के लिए आप सभी को बहुत बधाई। करीब 5 करोड़ लाभार्थियों कोआज मध्य प्रदेश में इस योजना के एक साथ पहुंचाने का बड़ा अभियान चल रहा है। ये योजना तो नई नहीं है, कोरोना जब शुरू हुआ एक-सवा साल पहले तब से इस देश के 80 करोड़ से ज्यादा गरीबों के घर में मुफ्त में राशन पहुंचा रहे हैं। लेकिन मुझे कभी जाकर के गरीबों के बीच में बैठकर के बात करने का मौका नहीं मिला था।

आज मध्य प्रदेश सरकार ने मुझको आप सबका दर्शन करने का मौका दिया। अभी मैं हमारे मध्‍य प्रदेश के कुछ भाइयों-बहनों से बात कर रहा था कि इस संकट काल में सरकार से जो मुफ्त अनाज मिला है, वो हर परिवार के लिए बड़ी राहत बनकर के आया है। उनकी बातों में एक संतोष दिखता था, विश्वास नजर आ रहा था।हालांकि, ये दुखद है किआज एमपी के अनेक जिलों में बारिश और बाढ़ की परिस्थितियां बनी हुई हैं। अनेक साथियों के जीवन और आजीविका दोनों प्रभावित हुई है। मुश्किल की इस घड़ी में भारत सरकार और पूरा देश, मध्य प्रदेश के साथ खड़ा है। NDRF हो, केंद्रीय बल या फिर हमारे एयरफोर्स के जवान, हर प्रकार की मदद, इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को जो कुछ भी ज़रूरत है, वो सारी मदद उपलब्ध कराई जा रही है।

आपदा कोई भी हो, उसका असर बहुत व्यापक होता है, दूरगामी होता है।

PM मोदी ने कहा आपदा कोई भी हो, उसका असर बहुत व्यापक होता है, दूरगामी होता है। कोरोना के रूप में तो पूरी मानवता पर सौ साल में सबसे बड़ी आपदा आई है। कोरोना से बचाव के लिए दुनिया भर में काम रोका गया, आने-जाने पर रोक लगी। इस उपाय से भारत के सामने अनेक और संकट खड़े होने ही थे। इन संकटों पर हम सबने एक साथ मिलकर के काम किया। हमें करोड़ों लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचाना था, ताकि भुखमरी की स्थिति ना बने। हमारे बहुत सारे साथी गांवों से कामकाज के लिए शहर जाते हैं। हमें उनके खाने-पीने, रहन-सहन का प्रबंध भी करना था और फिर गांव लौटने पर उनके लिए उचित रोज़गार भी सुनिश्चित करना था। ये सारी समस्याएं एक साथ हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में हमारे सामने थीं, जिन्होंने बाकी दुनिया की अपेक्षा भारत की लड़ाई को और भारत के सामने पैदा हुई चुनौती को कई गुना अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया।

चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करता है,

PM मोदी ने कहा चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो, जब देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करता है, तो रास्ते भी निकलते हैं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो या फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार योजनाहो, पहले दिन से ही गरीबों और श्रमिकों के भोजन और रोज़गार की चिंता की गई। इस पूरे कालखंड में 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, मुफ्त राशन पहुंचाया गया है। सिर्फ गेहूं, चावल और दाल ही नहीं बल्कि लॉकडाउन के दौरान हमारे 8 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर भी मुफ्त दिया गया। 80 करोड़ लोगों को अनाज, 8 करोड़ लोगों को गैस भी।यही नहीं, लगभग 20 करोड़ से अधिक बहनों के जनधन बैंक खातों में लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपए सीधे कैश ट्रांसफर भी किया गया। श्रमिकों और किसानों के बैंक खातों में भी हज़ारों करोड़ रुपए जमा किए गए। अभी 2 दिन बाद ही 9 अगस्त को करीब-करीब 10-11 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातों में फिरसेहज़ारों करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर होने वाले हैं।

प्रधान मंत्री ने कहा हम लोगों ने किसानों को मदद पहुंचाने के लिए नए-नए समाधान निकाले। मध्य प्रदेश ने भी इसमें सराहनीय काम किया है। मध्य प्रदेश के किसानों ने रिकॉर्ड मात्रा में उत्पादन भी किया, तो सरकार ने रिकॉर्ड मात्रा में MSP पर खरीद भी सुनिश्चित की। मध्य प्रदेश ने अपने 17 लाख से अधिक किसानों से गेहूं खरीदा और उन तक सीधा 25 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक पहुंचाया है।

डबल इंजन सरकार का सबसे बड़ा लाभ

डबल इंजन सरकार का सबसे बड़ा लाभ यही है कि केंद्र सरकार की योजनाओं को राज्य सरकार और संवार देती है, उसकी शक्ति बढ़ा देती है। मध्य प्रदेश में युवाओं का स्किल डेवलपमेंट हो, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर हो, डिजिटल इंफ्रा हो, रेल-रोड कनेक्टिविटी हो, सभी पर तेज गति से काम किया जा रहा है।

पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। वो गरीब के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे।

आज अगर सरकार की योजनाएं ज़मीन पर तेज़ी से पहुंच रही हैं, लागू हो रही हैं, तो इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। वो गरीब के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे। जिस तक लाभ पहुंचाना है, उसके बारे में पहले सोचा ही नहीं जाता था।

लेकिन जमीन से उठे हम लोग, जो हम आप ही के लोगों के बीच से आए, आपके सुख-दुख को निकट से अनुभव किया है, हम आप ही के बीच से आए हैं और इसलिये हमने आप जैसे लोगों को काम करने का तरीका अलग रखा है। हम तो ऐसी ही व्यवस्था की मार झेलकर के बड़े हुए हैं! इसलिए बीते वर्षों में गरीब को ताकत देने का, सही मायने में सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है।

आज जो देश के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, उनसे नए रोज़गार बन रहे हैं, बाज़ारों तक किसानों की पहुंच सुलभ हुई है, बीमारी की स्थिति में गरीब समय पर अस्पताल पहुंच पा रहा है। देश में गरीबों के जो जनधन खाते खुलवाए गए, उन खातों के खुलने से गरीब बैंकिंग सिस्टम से जुड़ गया। आज उसको बिचौलियों से मुक्त लाभ सीधा मिल रहा है, आसान ऋण मिल रहा है। पक्का घर, बिजली, पानी, गैस और शौचालय की सुविधा ने गरीबों को सम्मान दिया है, आत्‍मविश्‍वास दिया है, अपमान और पीड़ा से मुक्ति दी है। इसी प्रकार मुद्रा लोन से आज ना सिर्फ करोड़ों स्वरोजगार चल रहे हैं, बल्कि वो दूसरों को भी रोज़गार दे रहे हैं।

7 अगस्त की तारीख को हथकरघा को समर्पित किया गया है: PM मोदी

गांव, गरीब, आदिवासियों को सशक्त करने वाला एक और बड़ा अभियान देश में चलाया गया है। ये अभियान हमारे हस्तशिल्प को, हथकरघे को, कपड़े की हमारी कारीगरी को प्रोत्साहित करने का है। ये अभियान लोकल के प्रति वोकल होने का है। इसी भावना के साथ आज देश राष्ट्रीय हथकरघा दिवस- नेशनल हैंडलूम डेमना रहा हैऔर जब हम आजादी के 75 वर्ष मना रहे हैं, आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तब ये 7 अगस्त का महत्व और बढ़ जाता है। आज हम सब याद रखें आज 7 अगस्त के ही दिन, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इसी ऐतिहासिक दिन से प्रेरणा लेते हुए 7 अगस्त की तारीख को हथकरघा को समर्पित किया गया है। ये गांव-गांव में, आदिवासी अंचलों में हमारे अद्भुत शिल्पियों, अद्भुत कलाकारों के प्रति सम्मान जताने और अपने उत्पादों को वैश्विक मंच देने का दिन है।

आने वाले त्योहारों में हस्तशिल्प का कोई ना कोई लोकल उत्पाद ज़रूर खरीदें

आज जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तब ये हथकरघा दिवस और भी महत्व रखता है। हमारे चरखे का, हमारी खादी का हमारी आज़ादी की लड़ाई में कितना बड़ा योगदान है, ये हम सभी जानते हैं। बीते सालों में देश ने खादी को बहुत सम्मान दिया है। जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है। अब जब हम आज़ादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस स्पिरिट को हमें और मजबूत करना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है। मध्य प्रदेश में तो खादी, रेशम से लेकर अनेक प्रकार के हस्तशिल्प की एक समृद्ध परंपरा है। मेरा आप सभी से, पूरे देश से आग्रह है कि, हमारे हैंडीक्राफ्ट को मदद करें

उत्सवों के उत्साह के बीच हमें कोरोना को नहीं है भूलना

मैं ये भी कहूंगा कि उत्सवों के बीच हमें कोरोना को नहीं भूलना है। कोरोना की तीसरी लहर को आने से हमें ही रोकना है और रोकना ही होगा। इसके लिए हम सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा। मास्क, टीका और दो गज़ की दूरी, ये बहुत ज़रूरी। हमें स्वस्थ भारत का संकल्प लेना है, समृद्ध भारत का संकल्प लेना है। आज पूरे मध्‍य प्रदेश में 25 हजार से ज्‍यादा मुफ्त राशन की दुकानों पर कोटि-कोटि नागरिक इकट्ठे हुए हैं, मैं उनको भी प्रणाम करता हूँ हम मिलजुलकर के इस बीमारी से बाहर निकलेंगे। सभी नियमों का पालन करते हुए इस विजय को पक्का करेंगे।

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