बाली शिखर सम्मेलन का मकसद, पीएम मोदी और अन्य जी-20 नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 से 16 नवंबर को इंडोनेशिया के दौरे पर है। गौरतलब है कि वह वहां जी 20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए है। जी 20 में शामिल होने के बाद पीएम मोदी ने सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व को जी-20 से अधिक अपेक्षाएं हैं और समूह की प्रासंगिकता बढ़ गई है।
संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट का वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण वातावरण के बीच संयुक्त राष्ट्र की भूमिका ‘बहुपक्षीय संस्थाएं वैश्विक चुनौतियों से निपटने में असफल रही हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, ‘हमें यह स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थान वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में असफल रहे हैं।’ मोदी ने कहा, ‘मैंने बार- बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्ध- विराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का तरीका तलाशना होगा।’
‘विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरुरी – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सम्मेलन को आगे संबोधित करते हुए कहा कि ‘विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक कदम उठाना समय की मांग है।’ पीएम ने कहा, ‘वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है, पूरी दुनिया में आवश्यक वस्तुओं का संकट है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है।’
जी 20 की अगली बैठक तक हम सभी एकसाथ विश्व को शांति का कड़ा संदेश देंगे – पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौतियां अधिक हैं। उनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी पहले से ही एक संघर्ष थी। मोदी ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि जब अगले साल बुद्ध और गांधी की धरती पर जी-20 की बैठक होगी, तो हम सभी एकसाथ विश्व को शांति का कड़ा संदेश देंगे।’
क्या है जी 20 सम्मेलन ?
बता दें कि इस मंच का अहम काम आर्थिक सहयोग है, जिसमें शामिल होने वाले देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की 80 फीसदी है। ये देश मिलकर ना सिर्फ ग्लोबल इकोनॉमी पर काम करते हैं, बल्कि आर्थिक स्थिरता और जलवायु परिवर्तन और हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर भी बात करते हैं।
जी 20 सम्मेलन का मकसद
बाली शिखर सम्मेलन का मकसद, पीएम मोदी और अन्य जी-20 नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर विचार-विमर्श करना है। शिखर सम्मेलन के दौरान तीन वर्किंग सेशन होंगे, जिसमें 20 देश के प्रधानमंत्री प्रतिभाग करेंगे। इनमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे शामिल हैं।
Edit By Deshhit News