भारतीय सशस्त्र बलों की राजनीतिक तटस्थता: राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र के लिए एक अनिवार्य आधार

09 Apr, 2024
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भारतीय सशस्त्र बल (Indian Armed Forces) देश की रक्षा का दायित्व निभाने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह संस्था केवल भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेती है, किसी राजनीतिक दल या नेता के प्रति नहीं। यह तटस्थता (neutrality) सेना को पक्षपातपूर्ण राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखने और राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखने में मदद करती है।

तटस्थता का महत्व:

राजनीतिक दबाव से मुक्ति: तटस्थता सेना को राजनीतिक दबाव से मुक्त रहने और राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने की अनुमति देती है। यह सेना को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने और कार्य करने की क्षमता प्रदान करती है।

संवैधानिक मूल्यों का संरक्षण: यह तटस्थता संविधान में निहित लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सेना की तटस्थता राजनीतिक दलों द्वारा सेना का दुरुपयोग करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की संभावना को कम करती है।

सेना की व्यावसायिकता का संरक्षण: तटस्थता सेना को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से रोकती है और उसकी व्यावसायिकता (professionalism) को बनाए रखने में मदद करती है। यह सेना को अपनी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों का प्रभावी ढंग से सामना करने की अनुमति देता है।

तटस्थता के खतरे:

राजनीतिकरण: कुछ मामलों में, सेना का राजनीतिकरण (politicization) हो सकता है, जिससे उसकी तटस्थता और व्यावसायिकता को खतरा हो सकता है। राजनीतिक दल सेना का उपयोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर सकते हैं, जिससे सेना की निष्पक्षता और राष्ट्र के प्रति निष्ठा पर सवाल उठ सकते हैं।

अनुचित हस्तक्षेप: राजनीतिक दल सेना के कार्यों में अनुचित हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे उसकी स्वतंत्रता और प्रभावकारिता को नुकसान हो सकता है। यह सेना के मनोबल और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

सार्वजनिक विश्वास में कमी: यदि सेना राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होती है, तो जनता का उस पर विश्वास कम हो सकता है। यह सेना की भर्ती और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जनता के समर्थन को प्रभावित कर सकता है।

तटस्थता को बनाए रखने के उपाय:

संवैधानिक प्रावधानों को मजबूत करना: संविधान में सेना की तटस्थता को मजबूत करने के लिए प्रावधानों को शामिल किया जा सकता है। यह सेना को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कानूनी आधार प्रदान करेगा।

कानूनी ढांचे का निर्माण: सेना को राजनीतिक गतिविधियों से दूर रखने के लिए कानूनी ढांचे का निर्माण किया जा सकता है। यह सेना के लिए एक स्पष्ट आचार संहिता (code of conduct) स्थापित करेगा और राजनीतिक दलों द्वारा सेना के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगा।

जागरूकता बढ़ाना: सेना और आम जनता में तटस्थता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। यह सेना को राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जनता के समर्थन को बढ़ाने में मदद करेगा।

निष्कर्ष:

भारतीय सशस्त्र बलों की राजनीतिक तटस्थता राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस तटस्थता को बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को मिलकर प्रयास

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