भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने टीएमसी को जवाब देते हुए कहा कि ”यह शर्मनाक है कि टीएमसी गुजरात में घटना का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। उन्हें इस गिद्ध की राजनीति को रोकना चाहिए।
नई दिल्ली: मोरबी में रविवार शाम 6:30 बजे मच्छू नदी पर बना पुल टूटकर नदी में गिर गया था। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हुई, वहीं लगभग 177 लोग घायल हुए। 100 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए गए थे। छठ पूजा के मौके पर पुल पर अधिक भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण इसकी केबल टूट गई और यह नदी में गिर गया लेकिन अब इसे लेकर लगातार सियासत तेज होती नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने गुजरात के मोरबी पुल हादसे को लेकर गुजरात में भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी उस राज्य की निंदा करेंगे जैसा उन्होंने 2016 में बंगाल में इसी प्रकार की घटना के दौरान किया था।
क्या हुआ था ? 2016 में जिसे लेकर पीएम ने टीएमसी पर कसा था तंज
TMC स्पष्ट रूप से मार्च 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान कोलकाता में निर्माणाधीन विवेकानंद रोड फ्लाईओवर के एक हिस्से के ढहने का उल्लेख कर रही थी। इस हादसे में 27 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य जख्मी हो गए थे।
TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने गुजरात की घटना के संबंध में पीएम से पूछा….
TMC प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि, ‘जब 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान कोलकाता में एक पुल ढह गया था, तो पीएम मोदी ने अपनी पार्टी के लिए प्रचार करते वक़्त भ्रष्टाचार को मुख्य कारण बताया था। अब उन्हें गुजरात की घटना के संबंध में भी क्या कहना है।’
इस घटना ने गुजरात मॉडल की पोल खोल दी है- TMC की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव
वहीं, TMC की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने कहा है कि मोरबी में पुल ढहने से भाजपा के बहुप्रतीक्षित ‘गुजरात मॉडल’ की पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि, ‘2016 में पीएम मोदी पश्चिम बंगाल आए और पुल गिरने पर राज्य सरकार की आलोचना की थी। पीएम को हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने की आदत है, यदि यह विपक्ष शासित राज्य में होता है। मगर गुजरात में एक दुखद घटना हुई है। यह राज्य में भाजपा शासित है। तो अब वह क्या कहेंगे? इस घटना ने गुजरात मॉडल की पोल खोल दी है।’
गुजरात में चीजों पर नियंत्रण रखें और फिर पश्चिम बंगाल के बारे में सोचें – स्नेहासिस चक्रवर्ती
पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहासिस चक्रवर्ती ने कहा कि यह दुर्घटना गुजरात में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा, “जब भी पश्चिम बंगाल में कुछ भी होता है, बीजेपी की केंद्रीय तथ्य खोजने वाली टीम राज्य का दौरा करती है। अब मैं यहां राज्य के बीजेपी नेताओं से सवाल करना चाहूंगा कि क्या वे अब इसी तरह की टीम गुजरात भेजेंगे? वे हमेशा पश्चिम बंगाल में गलती खोजने वाले मिशन में रहते हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य पश्चिम बंगाल में राज्य प्रशासन को परेशान करना है। मेरी उन्हें सलाह है कि पहले गुजरात में चीजों पर नियंत्रण रखें और फिर पश्चिम बंगाल के बारे में सोचें।”
मोरबी हादसे के बाद बीजेपी अब क्या दावा करना चाहेगी – तापस रॉयतृणमूल
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक तापस रॉय ने कहा कि यह दुर्घटना इस बात का उदाहरण है कि स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, पुलों की गुणवत्ता और शानदार ढांचागत विकास के बारे में बीजेपी और गुजरात सरकार के दावे कितने खोखले थे। उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ यह जानना चाहता हूं कि उन्हें अभी क्या दावा करना है। इस पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुल की जांच से पहले जनता के लिए इसे खोलना जायज था?”
टीएमसी गुजरात में घटना का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है – भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य
मोरबी की दुखद घटना पर राजनीति करने की कोशिश करने के लिए भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने टीएमसी को जवाब देते हुए कहा कि ”यह शर्मनाक है कि टीएमसी गुजरात में घटना का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है। टीएमसी और उसके नेताओं को भ्रष्टाचार के बारे में बात करने के लिए आखिरी होना चाहिए। उन्हें इस गिद्ध की राजनीति को रोकना चाहिए। दोनों घटनाओं (मोरबी और कोलकाता में) में कोई समानता नहीं है। विवेकानंद रोड पुल ढहने के दौरान बंगाल में चुनाव प्रचार चल रहा था, भाजपा सहित कई विपक्षी दलों ने इसके लिए राज्य में टीएमसी सरकार की आलोचना की थी। टीएमसी ने आलोचनाओं को “निराधार” करार दिया था। रविवार को केबल पुल के गिरने से कुल 135 लोगों की मौत हो गई और गुजरात पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। ब्रिटिश काल के ढांचे के रख-रखाव और संचालन का काम करने वाली फर्मों के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज किया गया था।
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