बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर व्यासनारायण भारद्वाज को बड़ी राहत देते हुए गृह विभाग द्वारा जारी रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के रिटायरमेंट ड्यूस की राशि का तत्काल भुगतान करने का निर्देश दिया है।
मामले का विवरण:
पुलिस इंस्पेक्टर व्यासनारायण भारद्वाज ने गृह विभाग द्वारा जारी रिकवरी नोटिस को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि वह जिला जांजगीर-चांपा में निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे और 30 जून 2022 को 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के दो साल बाद भी उनके सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान नहीं किया गया था1।
रिकवरी नोटिस का कारण:
अधिकारियों ने सेवा के दौरान अधिक राशि का भुगतान करने का हवाला देते हुए रिकवरी नोटिस जारी किया था। नोटिस में यह भी कहा गया था कि जब तक रिकवरी नहीं की जाती, तब तक रिटायरमेंट ड्यूस की राशि नहीं दी जाएगी2।
कोर्ट का निर्णय:
हाईकोर्ट ने पाया कि अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए रिटायरल ड्यूज रोक दिए थे। कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से रिटायरमेंट ड्यूस का भुगतान करने का निर्देश दिया और रिकवरी नोटिस पर रोक लगा दी।
प्रभाव:
इस फैसले से रिटायर्ड कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, जो अपने रिटायरमेंट के बाद भी अपने देयकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना सहमति के वसूली नहीं की जा सकती और रिटायरल ड्यूज का भुगतान समय पर किया जाना चाहिए।
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