भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल में सीएसआईआर-प्रगत पदार्थ एवं प्रक्रम अनुसंधान संस्थान (एएमपीआरआई) में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंदी में शोध कार्य होने से विज्ञान के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री यादव ने एएमपीआरआई के अर्धवार्षिक प्रकाशन ‘अनुसंधान संदेश’ और राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 की रणनीति का विमोचन भी किया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, “मातृभाषा को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा अभियान चल रहा है। यह चौथा राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन है और मुझे उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफल होगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “अपनी मातृभाषा में शोध करने वाले विद्वान अगर तकनीकी शब्दों का हिंदी में अनुवाद करें, तो यह काम आसानी से देश में लोकप्रिय हो जाएगा और लोगों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी तरह के शोध को बढ़ावा देने के लिए हमने कहा है कि अगर कोई पढ़ा-लिखा नहीं है, तो भी वह अपने आविष्कार कर सकता है। इसके लिए विज्ञान भारती से आग्रह किया गया है कि जो भी लोग अपने आविष्कार लेकर आएं, उन्हें इस तरह के सम्मेलनों में भाग लेने की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान को अपनी भाषा में समझना आसान होता है। इसी दिशा में काम करते हुए मध्य प्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हिंदी में विज्ञान के संचार को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर माहौल बनाना जरूरी है।