आज से सावन मास शुरू,इन 5 राशियों पर बरसेगी शिव की कृपा,19 साल बाद बन रहा संयोग

04 Jul, 2023
Head office
Share on :

Sawan Somvar starts Dates 2023: हिंदू धर्म में सावन का बहुत महत्व है. इस बार यह पावन महीना 4 जुलाई से शुरु हो रहा है. मान्यता के अनुसार, इस महीने विधि-विधान से पूजा -पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार, आइए जानते हैं सावन का पहला सोमवार कब है और क्या है इसका महत्व.

सावन का पहला सोमवार

पंचांग के अनुसार,  इस साल सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा. इस साल सावन 59 दिनों का होगा. पंचांग के अनुसार, 19 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब सावन पर बहुत ही खास संयोग बन रहा है. जिसमें 8 सोमवार को व्रत किए जाएंगे. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई और आखिरी सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा.

इस बार सावन का पहला सोमवार का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. इस दौरान भगवान भोलेनाथ का व्रत करें. इसके साथ ही शिव का अभिषेक भी करें. ऐसा करने से सभी कष्ट दूर होंगे और आपकी सभी मनोकामना पूरी होगी.

यह व्रत सुहागिन महिलाओं को जरुर करना चाहिए. इस व्रत को करने से सौभाग्यवती का आशिर्वाद मिलता है. ये व्रत अगर कुंवारी कन्याएं रखती हैं तो उन्हें सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.

सावन में घर के मंदिर में रखें त्रिशूल और रुद्राक्ष, जानें महत्व

त्रिशूल- सावन में अपने घर चांदी का या फिर तांबे का त्रिशूल रखना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा माना गया है कि भोलेनाथ का त्रिशूल आपकी रक्षा करता है और आपको और आपके परिवार को बुरी शक्तियों से दूर रखता है.

रुद्राक्ष- सावन के पावन महीने में रुद्राक्ष को घर लाना बेहद शुभ माना गया है. सावन में रुद्राक्ष की माला पहनने से जातक की तरक्की होती है. आप अपने कार्यों में सफल होते हैं. घर में रुदाक्ष रखने घर का माहौल सकारात्मक होता है.

सावन में महीने में घर लाएं गंगाजल

सावन के महीने में अपने घर गंगा जल लाना बेहद शुभ माना जाता है, ऐसा माना गया है कि सावन के पहले दिन या सोमवार के दिन इसे घर लाने और रसोईघर में रखने से घर में सुख समृद्धि आती है.

इस सावन घर लाएं पारद शिवलिंग

इस सावन अपने घर लाएं पारद शिवलिंग. पारद शिवलिंग को घर में रखना बेहद शुभ माना जाता है. इसको घर में रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है. पारद शिवलिंग पारे और चांदी से मिल कर बनता है. ऐसा माना जाता है पारद शिवलिंग को घर लाने से सभी समस्याओं का अंत होता है. पारद शिवलिंग बेहद छोटा होता है. जिसकी ऊंचाई 6 सेमी होती है लंबाई 7.5 सेमी होती है. तो इस सावन आप भी अपने घर लाएं पारद शिवलिंग.

सावन सोमवार पूजा में करें ये गलती

सावन में शिव पूजा के समय महादेव को जल चढ़ाते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दिशा सही हो. पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है. इस दिशा में मुख करके जल न चढ़ाएं, मान्यता है इस दिशा में मुख करने से शिवजी के द्वार में बाधा उत्पन्न होती है और वह रुष्ट भी हो सकते हैं. इसलिए हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके शिवजी को जल अर्पित करें. 

सावन में इन 5 राशियों पर बरसेगी शिव कृपा

सावन का महीने में मेष राशि वालों के नौकरी में चल रही पेरशानी दूर होगी, सिंह राशि वालों को धन लाभ मिलेगा, धनु राशि वालों के लिए सावन शुभ रहेगा, इन्हें व्यापार में अच्छी कमाई होगी. तुला राशि वालों के दांपत्य जीवन में सुख-शांति आएगी और वृश्चिक राशि वालों को सावन में शिव जी की कृपा से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा, धन में वृद्धि होगी.

सावन में ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

  1. सावन के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें.
  2. इसके बाद शिव मंदिर या घर में शिवलिंग पर गंगाजल या दूध चढ़ाएं.
  3. इसके बाद फूल-फल भगवान को समर्पित कर दे
  4. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की मान्यता है.

भोलेनाथ की पूजा कर पवित्र मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव के नाम पर 108 बार किया जाता है.

इसके बाद भगवान से अपनी मनोकामना के लिए भगवान से प्रार्थना करें.

सावन माह में क्या करें, क्या करें

सावन में तामसिक भोजन, मदिरा, लहसून-प्याज, हरी पत्तेदार सब्जियों, का त्याग करें. सावन में शरीर पर तेल लगाना अशुभ माना जाता है. इस महीने में तन के साथ मन की शुद्धता भी रखें, तभी शिव पूजा का फल मिलेगा. शिव जी के प्रिय माह में ब्रह्मचर्य का पालन करें.

19 साल बाद सावन में अद्भुत संयोग

पूरे 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है जिसमें, सावन पूरे 59 दिनों का होगा. साल 2023 में सावन महीने के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए इन 2 महीनों में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव के साथ श्रीहरि विष्णु जी की भी जमकर कृपा बरसेगी. 

शिव जी को क्यों प्रिय है सावन

पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भोलेनाथ को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए सावन में कठोर तप किए. इसके बाद प्रसन्न होकर शिव ने पार्वती जी को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. सावन में ही महीने में समुद्र मंथन के दौरान शिव जी ने विष पी लिया था, विष के प्रभाव को कम करने के लिए भोलेनाथ पर निरंतर जल डाला गया. इससे उनकी असहजता दूर हुई. यही वजह है कि सावन में जलाभिषेक करने से हर कष्ट दूर हो जाते हैं.

सावन का महत्व

सावन में अन्य देवी-देवताओं के मुकाबले शिव जी की पूजा सबसे अधिक की जाती है. ये पूरा महीना ही शिव जी को समर्पित है. ऐसा कहते हैं कि सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू की थी. तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया. यही वजह है कि सावन में शिव पूजा करने से मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती है. सावन में सोमवार के अलावा प्रदोष व्रत, सावन शिवरात्रि आदि कई महत्वपूर्ण तिथियों पर शिव पूजा उत्तम फलदायी मानी गई है.

News
More stories
क्या है ? मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना,जिसमें 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों को भी जोड़ा जाएगा I