राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश ने सोमवार से शिक्षा निदेशालय पर क्रमिक धरना शुरू कर दिया है।
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश ने शिक्षा निदेशालय पर सोमवार से क्रमिक धरना शुरू कर दिया है। इस क्रमिक धरने में महिला और पुरुष शिक्षक दोनों ही शामिल है। शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी करने की प्रमुख मांग है। आंदोलित शिक्षकों का आरोप है कि वर्ष 2000 के बाद शिक्षकों की वरिष्ठता सूची नहीं जारी की गई है। जिसके चलते शिक्षकों की पदोन्नति प्रभावित हो रही है। आंदोलित शिक्षकों ने सरप्लस के नाम पर शिक्षकों का उत्पीड़न भी बंद किए जाने की मांग की है। विद्यालयों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कार्यरत शिक्षकों को सरप्लस बताकर उत्पीड़न किए जाने पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है।
आंदोलित शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि शासन को गुमराह कर सरप्लस के नाम पर शिक्षकों का बेवजह उत्पीड़न किया जा रहा है। आंदोलित शिक्षकों का कहना है कि प्रवक्ता के पदोन्नति के सभी पद खाली हैं और 20 फीसदी सीधी भर्ती के प्रवक्ता के पद खाली हैं। जबकि एलटी ग्रेड में 60 फ़ीसदी पद खाली हैं। आंदोलनरत शिक्षकों का कहना है कि कई ऐसे राजकीय विद्यालय हैं जिनमें एक भी प्रवक्ता कार्यरत नहीं है। माध्यमिक शिक्षा में शिक्षकों को सम्बद्ध किए जाने पर भी रोक लगाए जाने की मांग की गई है। आंदोलनरत शिक्षकों ने सरकार द्वारा आठ महत्वाकांक्षी जनपदों के शिक्षकों को भी स्थानांतरण की सुविधा दिए जाने की मांग की है।
विमल श्रीवास्तव