सिविल लाइंस में डर का साया: बुलडोजर की आहट से बेघर होंगे सैकड़ों परिवार
दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले सैकड़ों परिवारों के सामने बेघर होने का संकट मंडरा रहा है। खैबर पास इलाके में स्थित करीब 70 साल पुराने मकानों को ध्वस्त करने का आदेश जारी हो चुका है और शनिवार से डिमोलिशन की कार्रवाई शुरू होने की उम्मीद है।
इस कार्रवाई से प्रभावित परिवारों में मायूसी का माहौल है। जिन घरों में इन लोगों ने अपना बचपन बिताया, उनसे अब उन्हें बेदखल किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें किराए पर मकान ढूंढने में काफी मुश्किल हो रही है, और बरसात के मौसम में बेघर होना उनके लिए एक बड़ी चुनौती है।
सरकारी सुविधाओं के बावजूद डिमोलिशन क्यों?
सरकार द्वारा इस इलाके में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थीं, फिर भी कोर्ट के आदेश के आधार पर DDA विभाग द्वारा डिमोलिशन की कार्रवाई जारी है। करीब दो हफ्ते पहले भी DDA ने भारी पुलिस बल के साथ 80 से अधिक मकानों को ध्वस्त कर दिया था।
DDA की 32 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने की मुहिम
DDA का कहना है कि यह कार्रवाई करीब 32 एकड़ जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए की जा रही है। हालांकि, प्रभावित परिवारों की मांग है कि सरकार उन्हें या तो कोई वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए या फिर उन्हें जमीन का मुआवजा दिया जाए।
सवालों के घेरे में प्रशासन
यह सवाल उठता है कि बरसात के मौसम में लोगों को बेघर करना कितना उचित है? क्या प्रशासन ने इन लोगों के पुनर्वास के लिए कोई ठोस योजना बनाई है? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं।
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रिपोर्टर प्रदीप सिंह उज्जैन