देहरादून: भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में क्या हुआ:
- डॉक्टर अनुराग अग्रवाल, मेडिकल अस्पताल के सीएमएस ने सिकल सेल एनीमिया के बारे में जानकारी दी।
- उन्होंने बताया कि यह एनीमिया का एक प्रकार है जिसमें रक्त कोशिकाएं अर्धचंद्राकार हो जाती हैं और रक्त के थक्के बनने लगते हैं।
- इससे रोगी को दर्द होता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- डॉक्टर अग्रवाल ने इस बीमारी के लक्षणों के बारे में भी बताया, जिनमें बार-बार निमोनिया, बच्चे की वृद्धि में कमी, और छोटे बच्चों में हाथ-पैरों में तेज दर्द शामिल हैं।
- उन्होंने यह भी बताया कि सिकल सेल एनीमिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन जल्दी पता लगाने और उपचार से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है।
- जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
कार्यक्रम का महत्व:
- यह कार्यक्रम सिकल सेल एनीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मददगार होगा।
- इससे लोग इस बीमारी के लक्षणों को पहचानने और समय पर इलाज कराने में सक्षम होंगे।
- जागरूकता से इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में भी मदद मिलेगी।
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रिपोर्ट शुभम कोटनाला