सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का खास महत्व – यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित

07 Mar, 2025
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सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र का खास महत्व है।
यह महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित है।
इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्र मनाया जाता है। इन नौ दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

सनातन शास्त्रों में जग की देवी मां दुर्गा की महिमा का वर्णन विस्तारपूर्वक किया गया है। मां अपने भक्तों के सभी दुख हर लेती हैं। साथ ही उनकी कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कब से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्र। जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शनिवार 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 30 मार्च को घटस्थापना है। इस दिन से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी।
घटस्थापना समय

वैदिक गणना अनुसार, 30 मार्च को घटस्थापना प्रातः काल (सुबह) 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक है। इस समय में घटस्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट के मध्य भी घटस्थापना कर सकते हैं। इन दो शुभ योग में घटस्थापना कर सकते हैं।
शुभ योग

चैत्र नवरात्र के पहले दिन यानी घटस्थापना तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग है। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होगा।

मां दुर्गा का आगमन
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
गजेश जलदा देवी क्षत्रभंग तुरंगमे।
नौकायां कार्यसिद्धिस्यात् दोलायों मरणधु्रवम्॥

यह श्लोक देवीपुराण में निहित है। रविवार के दिन जगत की देवी मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं। गज पर सवार होकर मां दुर्गा के आगमन को शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

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