लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों पर बड़ी कार्रवाई की है। इन सभी लोगों पर अवैध रूप से वसूली करने के मामले में कार्रवाई की गई है। पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार सिंह की टीम ने कार्रवाई करते हुए हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को भी गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं काउंसिल को मिलने वाली फंडिंग का कहां पर इस्तेमाल किया जाता है, इस मामले पर भी यूपी एसटीएफ जांच कर रही है। जांच में पता चला है कि काउंसिल से जुड़े ये अधिकारी सर्टिफिकेट के नाम पर अवैध रूप से वसूली करते थे। इसके लिए ना तो कोई जांच होती और ना ही कोई लैब टेस्टिंग की जाती थी।
दरअसल UP STF को हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर जबरन वसूली करने की सूचना मिली थी। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना हबीब युसूफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुईदशीर सपडीहा, जनरल सेक्रेटरी मुफ़्ती ताहिर जाकिर और कोषाध्यक्ष मोहम्मद अनवर खान को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 4 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 3 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, 21 हजार 820 रुपये की नकदी, तीन ड्राइविंग लाइसेंस, एक आरसी और 2 वोटर कार्ड भी जब्त किए गए हैं। वहीं जांच में पता चला है कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया प्रति सर्टिफिकेट 10 हजार रूपए वसूलती थी। काउंसिल को प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार भी नहीं था।
बता दें कि हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर ना कोई जांच होती थी और ना ही कोई लैब टेस्टिंग की जाती थी। इसके बावजूद हलाल सर्टिफिकेट देने के नाम पर सिर्फ अवैध वसूली होती थी। ऐसा करने का काउंसिल के पास कोई अधिकार नहीं था। ऐसे में यूपी एसटीएफ ने काउंसिल से जुड़े अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों की गिरफ्तारियां की हैं। इसके साथ ही यूपी एसटीएफ फंडिंग का इस्तेमाल कहां हो रहा था, इसकी भी जांच में जुटी हुई है।
‘हलाल सर्टिफिकेशन’ को इस बात की गारंटी माना जाता है कि संबंधित प्रोडक्ट को मुस्लिमों के हिसाब से बनाया गया है। यानी उसमें किसी तरह की मिलावट नहीं है और उसमें किसी ऐसे जानवर या उसके बाय-प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिसे इस्लाम में ‘हराम’ माना गया है। आम तौर पर हलाल सर्टिफिकेशन वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के प्रोडक्ट के लिए होता है।