सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड डेटा की अपर्याप्तता पर एसबीआई को फटकार लगाई

15 Mar, 2024
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए इलेक्ट्रॉल बॉन्ड डेटा को “अपर्याप्त” और “अपूर्ण” करार देते हुए कड़ी फटकार लगाई है। न्यायालय ने एसबीआई को निर्देश दिया है कि वह प्रत्येक चुनावी बॉन्ड की विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईडी) सहित सभी प्रासंगिक जानकारी का खुलासा करे।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यूआईडी का खुलासा न करना “चुनावी चंदे की पारदर्शिता को कमजोर करता है” और “अनियमितताओं और धनशोधन की संभावना को बढ़ाता है।

एसबीआई द्वारा सौंपे गए चुनावी बॉन्ड डेटा में दी गई जानकारी:
प्रत्येक चुनावी बॉन्ड का मूल्य
खरीदार का नाम और पता
दान प्राप्त करने वाला राजनीतिक दल

एसबीआई द्वारा सौंपी गई जानकारी में गायब बिन्दु:
प्रत्येक चुनावी बॉन्ड का यूआईडी
बैंक शाखा जहां बॉन्ड खरीदा गया था
भुगतान का तरीका (नकद, चेक, या डिजिटल)
न्यायालय ने कहा कि यूआईडी का खुलासे से “चुनाव आयोग” को यह ज्ञात करने में सहायक होगा कि चुनावी बॉन्ड का उपयोग काले धन को राजनीतिक दलों में लाने के लिए तो नहीं किया जा रहा है।
इसके अतरिक्त, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह जानकारी “सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि राजनीतिक दल चुनावी बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त धन का उचित उपयोग करते हैं।
न्यायालय ने एसबीआई को 20 मार्च तक शेष जानकारी “चुनाव आयोग” सौंपने का निर्देश दिया है।
यह फैसला “चुनाव आयोग” के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है,जो लंबे समय से इलेक्ट्रॉल बॉन्ड की पारदर्शिता में सुधार के प्रयास में था।
इस फैसले से राजनीतिक चंदे में होने वाली अनियमितताओं पर रोक एवम् भारतीय चुनाव प्रणाली की जवाबदेही बढ़ाने में सहायक होगी।
अतिरिक्त जानकारी:

इलेक्ट्रॉल बॉन्ड क्या हैं?
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड वित्तीय साधनों का एक प्रकार है जो राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए उपयोग किया जाता है। वे बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं और नकदी के समान होते हैं।

इलेक्ट्रॉल बॉन्ड कैसे काम करते हैं?
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड को किसी भी बैंक शाखा से खरीदा जा सकता है। खरीदार को अपना नाम, पता और पैन नंबर प्रदान करना होगा।

इलेक्ट्रॉल बॉन्ड के लाभ क्या हैं?
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड के समर्थको के अनुसार राजनीतिक चंदे में इलेक्ट्रॉल बॉन्ड का उपयोग पारदर्शिता बढ़ाने और “काले धन” को राजनीतिक दलों में लाने को रोकने में मदद करते हैं।

इलेक्ट्रॉल बॉन्ड की आलोचना क्या है?
इलेक्ट्रॉल बॉन्ड की आलोचकों के अनुसार इलेक्ट्रॉल बॉन्ड राजनीतिक चंदे में गुमनामी को बढ़ावा देते हैं और “अनियमितताओं और धनशोधन की संभावना को बढ़ाते हैं।**
न्यायालय का यह फैसला भारतीय चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा ।

संदीप उपाध्याय

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