देहरादून : हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के असंबद्धता फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद डीएवी, डीबीएस समेत 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को बड़ी राहत मिली है।
बता दें प्रदेश के 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों की संबद्धता खत्म करने के साथ ही विश्वविद्यालय से जुड़े 72 प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता पर भी तलवार लटकी हुई थी। विवि की कार्यकारी परिषद ने इन कॉलेजों की संबद्धता अगले साल से खत्म करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय पिछले साल 20 जून को हुई शिक्षा मंत्रालय के साथ-साथ राज्य सरकार व यूजीसी की संयुक्त बैठक के परिप्रेक्ष्य में लिया गया था।
इस मसले पर छिड़ी थी बहस
बता दें पिछले लंबे समय से इसकी कवायद चल रही थी। पिछले दिनों राज्य सरकार ने ये कहते हुए वेतन देने से मना कर दिया था कि केंद्रीय विवि के कॉलेजों को वह क्यों अनुदान दें। इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। इसके बाद हाईकोर्ट में भाजपा नेते रविंद्र जुगरान ने याचिका भी दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्णय लेने को कहा था।
केंद्र और राज्य सरकार ने इस मसले पर बातचीत की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पत्र गढ़वाल विवि को भेजकर सवाल किया था कि इन कॉलेजों को कब से डिएफिलिएट कर सकते हैं। मामले को लेकर कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में 10 महाविद्यालयों को डिएफिलिएट करने का फैसला लिया गया था।
इन कॉलेजों को किया गया डिएफिलिएट
डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून, एसजीआरआर पीजी कॉलेज देहरादून, डीडब्ल्यूटी कॉलेज देहरादून, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, एमपीजी पीजी कॉलेज मसूरी, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज सतीकुंड कनखल, बीएसएम कॉलेज रूड़की, राठ महाविद्यालय पैठाणी, चिन्मय डिग्री कॉलेज, बीएचईएल रानीपुर
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सम्बद्धता समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार, केन्द्र सरकार व गढ़वाल केंद्रीय विवि से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।खण्डपीठ ने केवल डीएवी कॉलेज की संवद्धता समाप्त करने के आदेश पर ही रोक लगाई है, अन्य कॉलेजों पर नहीं।इस मामले में डीएवी कॉलेज की ओर से दयाचिका दायर की गयी है। डीएवी कॉलेज प्रबंधन ने याचिका दायर कर कहा है कि हेमवतीनन्दन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर की कार्यपरिषद ने डीएवी कॉलेज सहित नौ अन्य कॉलेजों की सम्बद्धता समाप्त कर दी। जिसमें देहरादून के कई बड़े कॉलेज भी सामील हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कॉलेजो की संवद्धता समाप्त करते हुए उनकी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से नाम हटाने के आदेश भी दे दिए हैं। जिसकी वजह से हजारों छात्रों के भविष्य पर खतरा उतपन्न हो गया है। याचिका में यह भी कहा गया कि विश्वविद्यालय ने बिना किसी कॉलेज का पक्ष सुने, ना ही नियमावली का अवलोकन किए संवद्धता समाप्त कर दी ,इसलिए इस आदेश पर रोक लगाई जाय।
वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। उस वक्त जो एक्ट पास हुआ था, उसके सेक्शन 4-एफ में ये प्रावधान किया गया था कि जो कॉलेज विवि से संबद्ध हैं, उनका स्टेटस वैसा ही रहेगा। इस एक्ट की वजह से गढ़वाल विवि लंबे समय से इन कॉलेजों से पीछा नहीं छुड़ा पाया। हालांकि प्रदेश के सभी राजकीय डिग्री कॉलेजों को सरकार ने इस विवि से करीब दो साल पहले असंबद्ध कराते हुए श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध करा लिया था। इसके बाद से बाकी कॉलेजों को हटाने की भी कोशिशें चल रहीं थीं।