नई दिल्ली: हाल ही में फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रैलर रिलीज हुआ। ट्रैलर रिलीज होने के साथ ही फिल्म कानूनी पछड़ों में फंस गई है। दरअसल, फिल्म के डायरेक्टर को पश्चिम बंगाल पुलिस ने लीगल नोटिस भेजा है। बता दें, फिल्म डायरेक्टर और मेकर्स पर आरोप है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की छवि को बिगाड़ने की मंशा से फिल्म को बनाया गया है। वहीं, फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि फिल्म सत्य घटना पर आधारित है।
फिल्म के निर्माता को सीआरपीसी के धारा 41ए के तहत जारी किया गया नोटिस
बता दें, फिल्म वसीम रिजवी फिल्म्स के बैनर तले बनी है। जिसके निर्माता जितेन्द्र नारायण सिंह है और इसके लेखक, निर्देशक सनोज मिश्रा हैं। डायरेक्टर सनोज मिश्रा को सीआरपीसी के धारा 41ए के तहत नोटिस सर्व किया गया है। उन्हें 30 मई को एमहर्स्ट स्ट्रीट पीएस में पेश होने को कहा गया है। IPC की विभिन्न धाराओं, आईटी एक्ट और सिनेमैटोग्राफी एक्ट के तहत FIR दर्ज किया गया है। कानूनी नोटिस मिलने के बाद सनोज मिश्र के वकील नागेश मिश्र ने लीगल बैटल लड़ने की बात कही है।
सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म – मेकर्स
‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ का ट्रेलर लॉन्च लखनऊ में हुआ था। इस फिल्म के ट्रेलर के शुरुआत में ही कहा गया है कि यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है और इसका किसी जाति, धर्म और समुदाय को ठेस पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं है। हालांकि, फिल्म के ट्रेलर यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे ममता सरकार ने बंगाल में हिंदुओं के साथ अन्याय किया है।
पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल के हालात बेहद खतरनाक होते जा रहे हैं – निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह
बता दें कि लखनऊ में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल के हालात बेहद खतरनाक होते जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में खास करके बांग्लादेश के बॉर्डर से सटे हुए क्षेत्रों में एक बहुत बड़ी रोहिंग्या मुसलमानों की आबादी बसती जा रही है। ये रोहिंग्या मुसलमान पश्चिम बंगाल से आईडी बनवा कर पूरे देश में फैल रहे हैं और इन्हें विदेशी आतंकी संगठन खास मकसद के लिए पूरे हिंदुस्तान में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के जरिये फैलाया जा रहा है।
बंगाल में हिंदूओं पर जुल्म हो रहे हैं – जितेंद्र नारायण सिंह
निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि इस कारण बंगाल में हिंदूओं पर जुल्म हो रहे हैं और वे अपना घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि बंगाल की इसी सच्चाई को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है। बता दें कि इस फिल्म के अगस्त 2023 में रिलीज होने की उम्मीद है।