मानव कल्याण में ही शिक्षा की सार्थकता : श्री मंगुभाई पटेल, मध्य प्रदेश के राज्यपाल, का मानना है कि शिक्षा का सच्चा उद्देश्य मानव कल्याण में योगदान करना है। शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका उपयोग समाज और राष्ट्र के विकास में भी किया जाना चाहिए।
शिक्षा के माध्यम से, व्यक्ति न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है, बल्कि वह दूसरों के जीवन को भी बेहतर बनाने में योगदान दे सकता है। शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है और उसे सामाजिक और नैतिक मूल्यों से अवगत कराती है। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
श्री पटेल का कहना है कि शिक्षा सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। गरीब और वंचित वर्गों के बच्चों को भी शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए। शिक्षा के माध्यम से ही इन वर्गों के बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर मिल सकता है।
शिक्षा को केवल रोजगार प्राप्त करने का साधन नहीं माना जाना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बनाना भी है। शिक्षा व्यक्ति को जीवन जीने का सही तरीका सिखाती है और उसे सामाजिक जिम्मेदारियों का बोध कराती है।
श्री पटेल का कहना है कि शिक्षा के माध्यम से ही हम एक विकसित और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं। शिक्षा ही वह शक्ति है जो देश को आगे बढ़ा सकती है। शिक्षा के माध्यम से ही हम सामाजिक बुराइयों को दूर कर सकते हैं और एक न्यायपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं।
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल का कार्यक्रम में पौधा भेंट से स्वागत और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया।
केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मानद उपाधि प्राप्तकर्ता, दीक्षित विद्यार्थी और स्वर्ण पदक विजेताओं को बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
शिक्षा के महत्व पर श्री पटेल के विचारों के कुछ प्रमुख बिंदु:
- शिक्षा का सच्चा उद्देश्य मानव कल्याण में योगदान करना है।
- शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है और उसे सामाजिक और नैतिक मूल्यों से अवगत कराती है।
- शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
- शिक्षा सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
- शिक्षा को केवल रोजगार प्राप्त करने का साधन नहीं माना जाना चाहिए।
- शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को एक बेहतर इंसान बनाना भी है।
- शिक्षा के माध्यम से ही हम एक विकसित और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।