कैबिनेट मंत्री के रूप में कुंवरजी बावलिया, मुलुभाई बेरा, राघवजी पटेल, बलवंत सिंह राजपूत, भानुबेन बाबरियाठ, कुबेर डिडोर, कनुभाई देसाई, ऋषिकेश पटेल ने शपथ ग्रहण की। वहीं राज्यमंत्री के तौर पर हर्ष सांघवी, पुरुषोत्तम सोलंकी, बच्चू भाई खाबड़,जगदीश विश्वकर्मा, मुकेश पटेल, भीखू सिंह परमार, प्रफुल्ल पानसेरिया, कुंवरजी हलपति ने शपथ ग्रहण की।
नई दिल्ली: 12 दिसंबर को भूपेंद्र रजनीकांत पटेल ने गुजरात के गांधीनगर में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। भूपेंद्र रजनीकांत पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर -प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्य- प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा समेत भाजपा शासित राज्यों के कई नेतागण मौजूद रहे। बता दें कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भूपेंद्र पटेल को सीएम पद की शपथ ग्रहण करवाने का कार्य संपन्न करवाया।इसके बाद राज्यपाल ने कैबिनेट मंत्रियों और राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। कैबिनेट मंत्री के रूप में कुंवरजी बावलिया, मुलुभाई बेरा, राघवजी पटेल, बलवंत सिंह राजपूत, भानुबेन बाबरिया, कुबेर डिडोर, कनुभाई देसाई, ऋषिकेश पटेल ने शपथ ग्रहण की। वहीं राज्यमंत्री के तौर पर हर्ष सांघवी, पुरुषोत्तम सोलंकी, बच्चू भाई खाबड़,जगदीश विश्वकर्मा, मुकेश पटेल, भीखू सिंह परमार, प्रफुल्ल पानसेरिया, कुंवरजी हलपति ने शपथ ग्रहण की।
कौन हैं कुंवरजी बावलिया?
बावलिया कुंवरजीभाई मोहनभाई, गुजरात के हाईप्रोफाइल राजनीतिक चेहरों में से एक हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बावलिया कुंवरजीभाई मोहनभाई ने ही जसदण सीट पर जीत हासिल की थी। बावलिया कुंवरजीभाई मोहनभाई, विजय रूपाणी सरकार में जल आपूर्ति, पशुपालन, ग्रामीण आवास मंत्री थे। बावलिया गुजरात की कोली जाति से ताल्लुक रखते हैं। जब गुजरात सरकार में कुंवरजी बावलिया को कैबिनेट में शामिल किया गया। तब राजकोट जिले के लोगों ने उन्हें मंत्री बनाने का विरोध किया था। बलविया ने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय से बीएससी और बीएड की डिग्री हासिल की है। राजनीति में आने से पहले वे पेशे से किसान थे।
कुंवरजी बावलिया का राजनीतिक सफर
सौराष्ट्र के कोली समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कुंवरजी बावलिया, साल 1995 से लगातार गुजरात विधानसभा में विधायक और सांसद रहे हैं।जूनागढ़ की जसदण विधानसभा सीट से बावलिया कुंवरजीभाई मोहनभाई ने कई चुनाव जीते हैं। इसके अलावा वो राजकोट से सांसद भी रह चुके हैं। कुंवरजी पांच बार बावलिया जसदण सीट से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। बता दें कि कुंवरजी बावलिया ने जुलाई 2018 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वो तुरंत बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2018 में इस्तीफा देने के बाद वो जसदन विधानसभा सीट का उपचुनाव, बीजेपी के टिकट पर जीतकर मंत्री बने। हालांकि, साल 2018 से सितंबर 2021 तक यानी रूपाणी सरकार के सामूहिक इस्तीफे तक वे जल आपूर्ति एवं ग्राम निर्माण मंत्री रहे।
मुलुभाई बेरा
खंभालिया विधानसभ सीट से चुनाव जीतने वाले मुलुभाई बेरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। दसवीं पास मुलुभाई के पास कुल 5.93 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
राघवजी भाई हंसराज पटेल कौन हैं?
जामनगर ग्रामीण से विधायक राघवजी भाई हंसराज पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में राघवजी पशुपालन मंत्री थे।
कौन हैं बलवंत सिंह राजपूत
बलवंत गोकुल ग्रुप के मालिक हैं। कभी वह सिद्धपुर में अपने पिता के साथ ठेले पर चाय और सुपारी बेचा करते थे। इस जगह पर उनका ऑफिस भी है। आज भी उन्होंने उस ठेले को संभाल कर रखा है। एक अंग्रेजी अखबार के इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि ये ठेला उन्हें उनके संघर्ष की याद दिलाता है कि कितनी मुश्किलों का सामना कर वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उनके पिता ने सिद्धपुर स्थित एक ऑयल मिल से जॉब छूटने के बाद चाय के धंधे को अपनाया था। जिससे उनके घर का गुजारा चलता था। राजपूत आज 254 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। गुजरात में उनका फूड ऑयल का बिजनेस है। प्रदेश के बड़े कारोबारी में नाम आता है। बीजेपी ने 28 जुलाई को ही उन्हें अपना राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है।
35 वर्ष तक कांग्रेस में रह चुके हैं बलवंत सिंह राजपूत
बलवंत सिंह राजपूत ने साल 2017 में कांग्रेस से भाजपा में स्विच किया था। बलवंत का कहना है कि वे 35 वर्षों तक कांग्रेस में रहे लेकिन बीते एक वर्ष के दौरान चीजें बर्दास्त के बाहर हो गई थीं। गुजरात की राजनीति में उनके बढ़ते कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2002 के चुनाव में जब गुजरात में भाजपा की लहर थी। तब भी उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को सिद्धपुर से हराया था। 2007 में इस जगह से उनकी हार हुई, लेकिन 2012 में उन्होंने दोबारा धमाकेदार जीत हासिल की। राजनीति में उनके बढ़ते कद की गूंज दिल्ली के हाईकमान ऑफिस तक थी।
भानुबेन बाबरिया कौन हैं?
भानुबेन बाबरिया ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राजकोट ग्रामीण की सीट से जीतकर विजयी हुई हैं। भानुबेन वर्तमान में राजकोट नगर निगम की पार्षद भी हैं। हालांकि भानुबेन इसके पहले 2 बार विधायक रह चुकी हैं। भानुबेन तीसरी बार विधायक बनी हैं। राजकोट ग्रामीण सीट से ही वो 2007 और 2012 में चुनाव में जीत चुकी हैं। भानुबेन बाबरिया ग्रेजुएट हैं।
कुबेर डिडोर
संतरामपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाले डॉ. कुबेरभाई डिंडोर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। डॉ. कुबेरभाई के पास कुल 2.96 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
ऋषिकेश पटेल कौन हैं?
61 वर्षीय ऋषिकेश पटेल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में विसनगर सीट से BJP के नेता हैं। चुनाव आयोग में दाखिल शपथ पत्र के अनुसार ऋषिकेश पटेल का पेशा व्यापार और खेती और शिक्षा 12वीं पास है। चुनाव आयोग को सौंपे गए शपथ पत्र में ऋषिकेश पटेल ने अपनी कुल संपत्ति Rs 15.7 करोड़ रुपए घोषित की है, इसमें Rs 9.1 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और Rs 6.6 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल है। ऋषिकेश पटेल पर आपराधिक मामलों की बात करें तो उनके ऊपर कुल 0 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हर्ष सांघवी कौन हैं?
हर्ष संघवी गुजरात की मौजूदा सरकार में गृह, युवा, खेल और संस्कृति मंत्री है। माजूरा विधानसभा सीट का प्रतिनिधत्व करने वाले हर्ष संघवी सबसे कम उम्र में विधायक तो बने ही, साथ ही सबसे कम उम्र में गृह मंत्रालय जैसा संवेदनशील-महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो भी मिला है। हर्ष संघवी को BJP ने इस बार तीसरी बार माजूरा सीट से उम्मीदवार बनाया गया। बता दें कि हर्ष संघवी के परिवार का राजनीति से कोई नाता नहीं रहा है। हर्ष संघवी का जन्म 8 जनवरी 1985 को सूरत में हुआ था। उनके पिता का नाम रमेश कुमार संघवी और मां देवेंद्रबेन संघवी हैं। संघवी ने 9वीं तक पढ़ाई की है। उन्होंने प्राचीबेन संघवी से शादी की है, जो एक गृहणी हैं। हर्ष और प्राची का एक बेटा आरुष और एक बेटी निरवा हैं। हर्ष सामाजिक कार्यों में काफी रूचि रखते हैं। कोरोना के दौरान लोगों की मदद को लेकर वह खूब सुर्ख़ियों में आये थे।
2012 में संघवी ने पहला चुनाव लड़ा था
हर्ष संघवी को 2012 में भारतीय जनता पार्टी ने माजूरा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। इस चुनाव में वह रिकॉर्ड मतों जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे और सबसे कम उम्र के विधायक भी बन गए थे। इतना ही नहीं, वह उस चुनाव में सबसे अधिक अंतरों से जीतने वाले विजेता भी बन गए थे। 2017 में भी उन्हें टिकट मिला, इस चुनाव को भी वह जीते थे। इसके बाद वह गुजरात सरकार में वह सबसे कम उम्र के गृह मंत्री भी बन गए थे। हर्ष संघवी हर साल रोजगार मेले का आयोजन करवाते हैं। कहा जाता है कि यही वजह है कि युवाओं के बीच उनकी काफी लोकप्रियता है। आदिवासी और पिछड़े लोगों की मदद करने में भी हर्ष संघवी पीछे नहीं रहते हैं। साल 2011 में दिल्ली में उन पर एक केस दर्ज हुआ था, साल 2012 में सूरत में और फिर साल 2014 में भी उनपर केस दर्ज हुआ था। हालांकि वह किसी भी मामले में दोषी करार नहीं दिए गए ।
कौन हैं पुरुषोत्तम सोलंकी ?
गुजरात बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी को पहले चरण के मतदान में भावनगर ग्रामीण से चुनावी रण में उतारा गया है> इस चुनाव में बीजेपी ने एक परिवार एक टिकट वाले नियम को भी दरकिनार करके इन्हें टिकट दिया गया है। सोलंकी गुजरात में 5 बार के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने साल 2012 और 2017 में यह सीट जीता था. सोलंकी को कोली समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है। इसलिए बीजेपी इस बार कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। कोली समुदाय का प्रभाव कुल 34 विधानसभा सीटों पर है।
पुरुषोत्तम सोलंकी राजनीतिक जीवन
साल 1998 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी ने घोसी विधानसभा सीट से टिकट दिया और सोलंकी उस सीट को जीते थे। उसके बाद वह 2 बार और उस सीट से विधायक चुने गए। साल 2012 में बीजेपी ने उन्हें भावनगर ग्रामीण से टिकट दिया, सोलंकी उस सीट को भी जीत गए। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 2017 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर उसी सीट से टिकट दिया। सोलंकी लगातार 5 बार से विधायक चुनते आए हैं। यही कारण है कि पार्टी ने उनका खराब स्वास्थ्य होने के बावजूद उन्हें इस बार भी टिकट दिया। पुरुषोत्तम सोलंकी ने 1996 में निर्दलीय सांसद का चुनाव लड़ा था, उस चुनाव को वह बीजेपी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह राणा से करीब 70 हजार वोटों से हार गए थे। पुरुषोत्तम सोलंकी को पार्टी ने स्टार प्रचारक भी बनाया है। पूर्व मंत्री सोलंकी का कुछ साल पहले ही किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। गुजरात के अमरेली जिले के राजुला विधानसभा सीट से इनके भाई हीरा सोलंकी को बीजेपी ने टिकट दिया गया।
बच्चू भाई खाबड़
देवगढ़ बारिया विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले बच्चूभाई खाबड़ को राज्यमंत्री बनाया गया है। बच्चूभाई के पास कुल 92.85 लाख रुपये की संपत्ति है।
कौन है जगदीश विश्वकर्मा?
जगदीश ईश्वरभाई विश्वकर्मा वर्तमान में गुजरात में राज्य मंत्री हैं। वह गुजरात में निकोल निर्वाचन क्षेत्र की 14 वीं विधानसभा के विधायक हैं। वह कुटीर उद्योग, सहकारिता, नमक उद्योग, प्रोटोकॉल (स्वतंत्र प्रभार), उद्योग, सड़क और भवन, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, मुद्रण और स्टेशनरी (राज्य मंत्री), गुजरात सरकार के राज्य स्तर के मंत्री हैं। उनका जन्म अहमदाबाद में 12 अगस्त संन 1973 में हुआ था।
जगदीश विश्वकर्मा का राजनीतिक सफर
जगदीश ईश्वरभाई विश्वकर्मा ने ठक्करबपानगर वार्ड में बूथ प्रभारी के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। उन्होंने 1994 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 2013 के बीच उद्योग सेल बीजेपी गुजरात के संयोजक के रूप में भी काम किया है। बाद में, उन्होंने 2016 में कर्णावती बीजेपी अहमदाबाद शहर के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
मुकेश पटेल
भूपेंद्र सरकार में मुकेशभाई पटेल को भी जगह मिली है। मुकेशभाई डांग्स से इस बार विधायक चुने गए हैं। इनके पास कुल 97.17 लाख रुपये की संपत्ति है।
भीखू सिंह परमार
मोडासा से विधायक चुने गए हैं। कांग्रेस को 35 हजार वोटों से हराया। 68 साल के भीखू के पास कुल 4.43 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
प्रफुल्ल पानसेरिया
51 साल के प्रफुल पानसेरिया को राज्यमंत्री बनाया गया है। प्रफुल कामरेज विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। इनके पास कुल 19.69 करोड़ रुपये की दौलत है।
कुंवरजी हलपति
मांडवी सीट से विधायक कुंवरजीत हलपति को राज्यमंत्री बनाया गया है। 55 साल के कुंवरजी के पास कुल 1.07 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है।
भूपेंद्र पटेल ने नरेंद्र मोदी का रिकॉर्ड तोड़ ऐतिहासिक जीत हासिल की
बता दें भूपेंद्र पटेल ने 182 सीटों में से 156 सीट अपने नाम कर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटों पर ही जीत मिल पाई। वहीं, आम आदमी पार्टी 5 सीट ही अपने नाम कर पाई थी। गौरतलब है कि 8 दिसंबर को गुजरात चुनाव के नतीजे आए थे। गुजरात में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव हुए थे।
12 december, 12 december Bachchu Bhai Khabar ne shhapath grahan ki, 12 december Harsh Shanghvi ne shhapth grahan ki, 12 december ko Balwant Singh Rajput ne shhapth grahan ki, 12 december ko Bhanuben Babaria ne shhapth grahan ki, 12 december ko Bhikhu Singh Parmar ne shhapath grahan ki, 12 december ko bhupendra patel ne shhapath grahan ki, 12 december ko Hrishikesh Patel ne shhapath grahan ki, 12 december ko Jagdish Vishwakarma ne shhapath grahan ki, 12 december ko Kanubhai Desai ne shhapth grahan ki, 12 december ko Kunvarji Bavaliya ne shhapth grahan ki, 12 december ko Kunvarji Halpati ne shhapath grahan ki, 12 december ko Mukesh Patel ne shhapath grahan ki, 12 december ko Mulubhai Bera ne shhapath grahan ki, 12 december ko Prafulla Panseria ne shapath grahan ki, deshhit news, Gujarat, Gujarat news, who is Bachchu Bhai Khabar, who is Balwant Singh Rajput, who is Bhanuben Babaria, who is Bhikhu Singh Parmar, who is Harsh Shanghvi, who is Hrishikesh Patel, who is Jagdish Vishwakarma, who is Kanubhai Desai, who is Kunvarji Bavaliya, who is Kunvarji Halpati, who is Mukesh Patel, who is Prafulla Panseria
Edit By Deshhit News