भारत में 15 साल में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर हुए संयुक्त राष्ट्र ने की तरीफ

12 Jul, 2023
Head office
Share on :

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, भारत केवल तीन महीने पहले 142.86 करोड़ लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना। वहीं 2005-2006 से 2019-2021 तक 15 वर्षों के भीतर देश में लगभग 415 मिलियन भारतीय गरीबी से बाहर निकले।

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार  (11 जुलाई) को कहा कि भारत में 2005-2006 से 2019-2021 के दौरान महज 15 साल के भीतर कुल 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। यह बात वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के नवीनतम अपडेट में कही गई है। इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचआई) की ओर से जारी किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत सहित 25 देशों ने 15 वर्षों में अपने वैश्विक एमपीआई मूल्यों (गरीबी) को सफलतापूर्वक आधा कर दिया, यह आंकड़ा इन देशों में तेजी से प्रगति को दर्शाता है। इन देशों में कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, भारत, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम शामिल हैं।

2005-2006 में जहां गरीबों की आबादी 55.1 प्रतिशत थी वह  2019-2021 में घटकर 16.4 प्रतिशत हो गई।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पोषण संकेतक के तहत बहुआयामी रूप से गरीब और वंचित लोग 2005-2006 में 44.3 प्रतिशत थे जो 2019-2021 में कम होकर 11.8 प्रतिशत हो गए। इस दौरान और बाल मृत्यु दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 1.5 प्रतिशत हो गई।

बिजली, पेयजल समेत कई मानकों में भी सुधार 
रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग गरीब हैं और खाना पकाने के ईंधन से वंचित हैं, उनकी संख्या 52.9 प्रतिशत से घटकर 13.9 प्रतिशत रह गई है. वहीं स्वच्छता से वंचित लोग 2005-06 के 50.4 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 11.3 प्रतिशत रह गए हैं. पीने के साफ पानी यानी पेयजल के मानक पर देखें, तो इस अवधि में ऐसे लोगों की संख्या 16.4 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत रह गई.

वहीं बिजली से वंचित लोगों की संख्या इस दौरान 29 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत पर आ गई. आवास से वंचित लोगों का आंकड़ा भी 44.9 प्रतिशत से घटकर 13.6 प्रतिशत रह गया है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत उन 19 देशों में शामिल है जिन्होंने एक अवधि में अपने एमपीआई को आधा किया है. भारत के लिए यह अवधि 2005-06 से 2005-16 रही है. वर्ष 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है कि 110 देशों में 6.1 अरब लोगों में से 1.1 अरब काफी गरीबी में रह रहे हैं. उप-सहारा अफ्रीका में ऐसे लोगों की संख्या 53.4 करोड़ और दक्षिण एशिया में 38.9 करोड़ है.

News
More stories
दिल्ली के जंगल में एक और लड़की की लाश के टुकड़े मिले,पुलिस की तलाशी अभियान जारी है !