महसी, बहराइच: थाना हरदी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में खूंखार आदमखोर भेड़िए का आतंक चरम पर है। पिछले दो हफ्तों में भेड़िए ने दर्जनों लोगों पर हमला किया है, जिसमें कई मासूम बच्चों की जान चली गई है। इन हमलों में अघोषित बिजली कटौती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, क्योंकि सभी वारदातें बिजली न होने के समय ही हुई हैं।
अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िए का हमला
ग्रामीण क्षेत्रों में पहले किरोसिन तेल का उपयोग उजाले के लिए किया जाता था, लेकिन ‘हर घर बिजली’ योजना के लागू होने के बाद से किरोसिन तेल की उपयोगिता खत्म हो गई है। अब ग्रामीण पूरी तरह से विद्युत आपूर्ति पर निर्भर हो गए हैं। लेकिन अघोषित बिजली कटौती ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। घुप्प अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िया घरों में घुसकर बच्चों को निवाला बना रहा है।
पीड़ित परिवारों की व्यथा
नकवा निवासी प्रतिभा के पिता राकेश ने अपने वीडियो बयान में रो-रोकर कहा, “अगर बिजली न जाती और हम दरवाजा खोलकर बाहर न आते तो मेरी बच्ची की जान न जाती। घुप्प अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िया घर के अंदर से मेरी बच्ची को दबोच ले गया। अगर बिजली कटौती न होती तो आज मेरी प्रतिभा जिंदा होती।”
बीते दिनों भेड़िए के हमले में मृत हुईं मिश्रनपुरवा निवासी सायरा, नयापुरवा निवासी छोटू, मक्का पुरवा निवासी अख्तर के परिजनों ने भी अंधेरे को ही हमलों का कारण बताया है। घायल हुए औराही निवासी राहुल, जगीर निवासी तबस्सुम, काजल, वर्मापुरवा की ननकई, बम्हौरी निवासी हफीजा, शुक्लनपुरवा की लीलावती, बड़रिया निवासी इकबाल की पुत्री शबा, मौलाना के पुत्र अब्दुल कादिर, रहीशा, सुखराम पुरवा निवासी दुःखहरन पाल के पुत्र सोनू, नथुवापुर निवासी फकीरे, व संपत देवी ने भी अंधेरे को ही हमलों का कारण बताया है।
प्रशासन की उदासीनता
विद्युत कटौती की पड़ताल करने पर पता चला कि 33/11 सब स्टेशन महसी में तकनीकी खामियों के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित हो रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए ताकि भेड़िए के हमलों से बचा जा सके।
घायलों के द्वारा विद्युत कटौती की पड़ताल देशहित ने की तो पता चला कि 33/11सब स्टेशन महसी में पांच फीडरों से 24 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति की जाती है, और यहां रोस्टर के हिसाब से नही बल्कि लोड के हिसाब से विद्युत कटौती की जा रही है ओवरलोड में हर एक घंटे बाद संचालित फीडर बंद कर दूसरा एक घंटे के लिए ओपन किया जाता है,
क्या कहते हैं जेई
कार्यकारी जेई सब स्टेशन महसी ब्रजेश कुमार गुप्ता ने फोन पर बताया कि विद्युत आपूर्ति के संसाधन पुराने हैं जिनकी क्षमता कम है और खपत ज्यादा इसी लिए ओवरलोड के चलते फीडर बंद किए जाते हैं संबंधित पटल से पत्राचार कर उच्च क्षमता वाले संसाधनों की मांग की गई है,तब तक कटौती की समस्या ऐसे ही बनी रहेगी,
33/11सब स्टेशन महसी से अघोषित कटौती का इस तरह है रोस्टर
रात 2: बजे से सुबह 5 बजे तक कटौती, सुबह 7 बजे से 9 बजे तक कटौती, सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक कटौती, दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक कटौती,रात 7:30 से 8:30 बजे तक कटौती, रात 9:30 से 10:30 बजे तक कटौती, रात 11:30 से 12:30 बजे तक कटौती फिर रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक कटौती, इसी में 33 केवी फाल्ट,लाइन ट्रिप, सिड्डाउन,एलटी का गिरना आदि कई कारणों से अघोषित कटौती का समय बढ़ जाता है, गौरतलब है कि विद्युत सब स्टेशन महसी का प्रचलित मोबाइल नंबर 9453007373 है जो सदैव नेटवर्क कवरेज क्षेत्र से बाहर रहता है कभी फोन लगता ही नही और एक इमरजेंसी नंबर 91614 02252 भी उपभोक्ताओं को जारी किया गया है जिस पर इनकमिंग सुविधा उपलब्ध नही है ऐसी सूरत में अगर विद्युत दुर्घटना की जानकारी कोई विभाग को देना चाहे तो कहां दे,मजे की बात तो यह है कि सिर्फ पावर हाउस महसी के मोबाइल नंबर में ही समस्या नही है बल्कि जेई, एसडीओ, एक्सियन सभी का यूजीसी नंबर नेटवर्क कवरेज क्षेत्र से बाहर रहता है, और बहाना है कि सिम बीएसएनएल की है इसलिए नेटवर्क कम रहता है,
क्यों होती है ओवरलोडिंग
देशहित की पड़ताल में पता चला कि सौभाग्य योजना के तहत हजारों की संख्या में विद्युत कनेक्शन रेवड़ी की तरह बांट कर विभाग ने अपनी पीठ तो खूब थपथपाई परंतु उसी में खेला हो गया , खेला इस तरह हुआ कि बिजली का मीटर लगाते समय इनका मीटर उनके घर और उनका मीटर इनके घर , और उपभोक्ता ने इसकी जानकारी होते ही बिजली मीटर से तार हटा कर सीधे बिजली पोल से बिजली सप्लाई ले ली और मनमर्जी मुताबिक एसी,फ्रीज,कूलर, रेफ्रिजरेटर, इन्वर्टर चला रहा है एक किलो वाट का बिजली कनेक्शन बंद कर पांच किलोवॉट की खपत कर रहा है और इसमें विभागीय लोग उपभोक्ता से मासिक तौर पर आर्थिक लाभ लेकर उसे चोरी से बिजली उपयोग करने में मदद कर रहे हैं जिससे ओवरलोडिंग होती है साथ ही रिहायशी इलाकों से नंगे तार हटा कर एलटी केबल के फरमान के बाद गांवों में बिजली सप्लाई के लिए जो केबिल लगाई गई वह निम्न क्वालिटी की होने के कारण गर्मी से आए दिन जल कर आपस में चिपक जाती है, जिससे अक्सर आपूर्ति बाधित रहती है।
पड़ताल से स्पष्ट होता है कि बिजली की अघोषित कटौती विद्युत सब स्टेशन महसी के विभागीय लोगों की ही देन है और लोगों का आरोप कि बिजली कटौती भेड़िए के हमले में सहायक है सही साबित होती है।
भेड़िए के हमले में बालिका की मौत की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंची मुख्य वन्यजीव संरक्षक (मध्य जोन) रेणू सिंह ने स्पाट से बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन द्वारा कहा था कि भेड़िए के मूवमेंट्स वाले क्षेत्रों में बिजली कटौती न की जाए, फिर एसडीएम महसी अखिलेश सिंह ने कार्यकारी जेई श्री गुप्ता को फोन कर स्पष्ट रूप से सिकंदर पुर व नकवा में बिजली कटौती न करने के निर्देश दिए थे परन्तु परिणाम वही “ढांक के तीन पात” अघोषित बिजली कटौती जारी है और ग्रामीण भारी उमस,चिपचिपी गर्मी के साथ घुप्प अंधेरे में लाठी-डंडे लिए जागकर अपने घर के नवनिहालो की सुरक्षा में तैनात हैं।
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रिपोर्ट हिमांशु मिश्रा