योगी आदित्यनाथ और महाकुंभ,हिंदुत्व के नए ब्रांड अंबेसडर,हिंदुत्व की नई धार और सनातन अवतार का समझें सार

28 Feb, 2025
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में 22 जनवरी की तारीख एक महत्वपूर्ण इतिहास को समेट चुकी है।इसी दिन 2024 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी।ठीक एक साल बाद जनवरी 2025 को सारी सरगर्मियां प्रयागराज में संगम के किनारे केंद्रित हो गई,क्योंकि 13 जनवरी से विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ का आयोजन होना था।महाकुंभ का भव्य और दिव्य समापन महाशिवरात्रि के पर्व के साथ संपन्न हो गया। 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक कुल 45 दिनों तक चले महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

महाकुंभ तो खत्म हो गया,लेकिन अब महाकुंभ पर सियासत तेज हो गई है। हरि अनंत,हरि कथा अनंता की तरह देश की सियासत में भगवा का परचम लहराने वाली भारतीय जनता पार्टी ने एक नया एजेंडा रख दिया है।नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की बेमिसाल जोड़ी ने सनातन समर्थक और सनातन विरोधी की नई सियासी लाइन खींच दी है,विपक्ष के चुभते सवालों को सनातन के खिलाफ बताने की रणनीति है। रणनीति यह है कि महाकुंभ पर सवाल उठाए तो हम इसे आस्था पर सवाल बताएंगे।

महाकुंभ के नाम पर देश की सियासत एक नए मोड़ पर है। अयोध्या में राम मंदिर बन गया तो अब हिंदुत्व की गाड़ी कैसे आगे बढ़े।इसीलिए चाल चरित्र और चेहरा सब बदलने की तैयारी है।हिंदुत्व की जगह अब सनातन ने ले ली है,अब राम का नाम नहीं अब महाकुंभ का काम चलेगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार से इस एजेंडे का ऐलान भी कर दिया है।पीएम मोदी अब इसे आगे बढ़ाने में जुटे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी के बाद भाजपा में सनातन के सबसे बड़े ध्वज वाहक बने हैं।संघ की शक्ति और उसका सामर्थ्य भी इस मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ के साथ है।

संयोग देखिए योगी आदित्यनाथ लखनऊ से प्रयागराज जाने के लिए तैयार हो रहे थे।महाकुंभ में अनवरत सेवा करने वालों का आज उन्हें सम्मान करना था।ठीक उसी समय पीएम मोदी का सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट करते है।पीएम मोदी लिखते हैं कि यूपी का सांसद होने के नाते मैं गर्व से कह सकता हूं कि योगी जी के नेतृत्व में शासन, प्रशासन और जनता ने मिलकर, इस एकता के महाकुंभ को सफल बनाया।केंद्र हो या राज्य हो, यहां ना कोई शासक था, ना कोई प्रशासक था, हर कोई श्रद्धा भाव से भरा सेवक था।हमारे सफाईकर्मी,हमारे पुलिसकर्मी, नाविक साथी,वाहन चालक,भोजन बनाने वाले सभी ने पूरी श्रद्धा और सेवा भाव से निरंतर काम करके इस महाकुंभ को सफल बनाया।

पीएम मोदी की इस पोस्ट से संदेश साफ है कि महाकुंभ के पूरे आयोजन का सेहरा किसी एक आदमी के सिर बंधा तो वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिर पर बंधा।योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के नए ब्रांड अंबेसडर के रूप में उभरे। वहीं पीएम मोदी के पोस्ट पर योगी आदित्यनाथ ने धन्यवाद वाली एक पोस्ट लिखी।योगी आदित्यनाथ ने‌ लिखा कि सकल विश्व को सभी जन एक हैं का अमृत संदेश देने वाला यह मानवता का महोत्सव वसुधैव कुटुंबकम् के पुण्य भाव के साथ संपूर्ण विश्व को एकता के सूत्र में पिरो रहा है।आपका मार्गदर्शन एवं शुभेच्छाएं हम सभी को सदैव नई ऊर्जा प्रदान करती है।

योगी आदित्यनाथ के महाकुंभ वाले प्रयासों से उनकी छवि इस समय सनातन के संरक्षक की बन गई है।बीते चार दिनों में पीएम मोदी महाकुंभ के आयोजन को लेकर दो बार योगी आदित्यनाथ की पीठ थपथपा चुके है।अब योगी आदित्यनाथ के हौसला सातवें आसमान पर है।अपने प्रयासों और बयानों से योगी आदित्यनाथ ने सियासत को दो हिस्सों में बांट दिया, एक सनातन प्रेमी,दूसरा सनातन विरोध।महाकुंभ की आलोचना हुई तो योगी आदित्यनाथ ने इसे आस्था पर उठा सवाल बना दिया।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा,उसे वही मिला,लाश गिनने वालों को योगी आदित्यनाथ ने गिद्ध और गंदगी ढूंढने वालों को सूअर तक कह डाला।ऐसा योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में फिर अगले दिन विधान परिषद में भी।आख़िर यही तो योगी आदित्यनाथ की यूएसपी है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद से योगी आदित्यनाथ विपक्ष के निशाने पर थे।पश्चिमी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ बताया तो बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने कहा कि ये सब फालतू है,कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि महाकुंभ में डुबकी लगाने से गरीबी मिट जाएगी क्या,योगी सरकार की लगातार आलोचना कर रहे सपा मुखिया अखिलेश यादव सतर्क हैं। अखिलेश यादव विरोध के नाम पर महाकुंभ के खिसक खड़े नज़र नहीं आना चाहते हैं, अखिलेश यादव जानते हैं एक ग़लत बयान से मामला हिंदू बनाम मुसलमान हो सकता है।

महाकुंभ ने कई मौकों पर देश की सियासत की दशा और दिशा बदली है।बारह बरस पहले की बात है। 2013 के कुंभ मेले में ही भाजपा की सियासत ने नई अंगड़ाई ली थी।उस समय संघ ने संतों के सामने नरेंद्र मोदी का नाम आगे किया था।संतों का आशीर्वाद मिला और फिर गोवा में भाजपा की कार्यकारिणी में नरेंद्र मोदी भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान समिति के प्रमुख बने।वैसे तो 2013 और 2025 के महाकुंभ और भाजपा की परिस्थितियों में थोड़ा फर्क है।उस समय भाजपा सत्ता से बाहर थी,लेकिन आज भाजपा की केंद्र और यूपी में सत्ता हैं,जिसे डबल इंजन की सरकार कहते हैं।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद सभी संतों और अखाड़ों ने योगी आदित्यनाथ का साथ दिया।अखाड़ों के स्नान का कार्यक्रम कुछ समय के लिए रुका, लेकिन टूटा नहीं। संतों का आशीर्वाद योगी आदित्यनाथ के साथ रहा। योगी आदित्यनाथ खुद गोरक्ष पीठ के महंत हैं।संघ हमेशा आज और आने वाले कल पर काम करता है,संघ धीरे अपनी जमीन तैयार करता है और उसी तरह भविष्य का नेता भी। महाकुंभ की शानदार सफलता के बाद जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है और जिस तरह संघ योगी आदित्यनाथ को पसंद करता है उसमें योगी आदित्यनाथ के कदमों के आगे एक बड़ी मंजिल हो सकती है, लेकिन उससे पहले एक विवाद अब ख़त्म हो गया है।पीएम मोदी के बाद हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा कौन।

प्रयागराज में पुलिस कार्मियों के साथ संवाद कर योगी आदित्यनाथ ने पुलिसकर्मियों का भी दिल जीत लिया है।योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के सफल आयोजन पर कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश पुलिसबल की क्षमता को आगे बढ़ते हुए देखा है। मुझे याद है कभी उत्तर प्रदेश गृह विभाग का बहुत साधारण बजट होता था।इस समय अकेले पुलिसबल के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का बजट है।यह वहीं प्रदेश था, जहां हर दूसरे दिन दंगे होते थे।

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